चेन्नई, 11 जनवरी (वार्ता) सिरमा एसजीएस टेक्नोलॉजी की सालाना एक लाख लैपटाप विनिर्माण क्षमता की यहां स्थापित अत्याधुनिक लैपटॉप असेंबली लाइन शुरू कर दी गयी है। यह परियोजना लैपटॉप और मोबाइल क्षेत्र के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन पीएलआई 2.0 के तहत स्वीकृत परियोजनाओं में से एक है।
इसे देश में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति के रूप में देखा जा रहा है।
शनिवार को जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार मद्रास निर्यात प्रोसेसिंग जोन (एमईपीजेड) में स्थित इस कारखाने का केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, रेलवे और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कल उद्घाटन इसकी निर्माण क्षमता एक-दो साल में 10 लाख लैपटाप तैयार करने की हो जायेगी। सिरमा एसजीएस वर्तमान में चेन्नई में चार विनिर्माण इकाइयों का संचालन करती है, जिसकी यूनिट तीन में अब लैपटॉप उत्पादन शुरू हो गया है।
श्री वैष्णव ने इस अवसर पर कहा, “ हमें यह सुनिश्चित करने के लिये सावधानीपूर्वक काम करना चाहिये कि आने वाले समय में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के हिस्से-पुर्जे बनाने का पारिस्थिकी तंत्र भी भी विकसित हो। उन्होंने कहा कि इससे न केवल भारत के लिये एक बड़ी विकास कहानी को आगे बढ़ायेगा, बल्कि ये आत्मनिर्भर भारत के हमारे विजन के अनुरूप
भी होगा। ”
सिरमा एसजीएस ने उच्च गुणवत्ता वाले लैपटॉप के निर्माण के लिये ताइवान की अग्रणी प्रौद्योगिकी कंपनी माइक्रो-स्टार इंटरनेशनल (एमएसआई) के साथ साझेदारी की है, जो घरेलू और वैश्विक दोनों बाजारों की जरूरतों को पूरा करेगी। इस सुविधा से वित्त वर्ष 26 तक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में 150-200 विशेष नौकरियों के सृजित होने का अनुमान है, जिससे तमिलनाडु की क्षेत्रीय और भारत की राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था दोनों पर काफी असर पड़ेगा।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसमें विनिर्मित लैपटॉप अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानदंडों को पूरा करेंगे तथा भारत की उभरती तकनीकी और विनिर्माण क्षमता को प्रदर्शित करेंगे।
भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा है। इस क्षेत्र का उत्पादन 2014 में 2.4 लाख करोड़ रुपये के बराबर था जो बढ़कर 2024 में 9.8 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
देश में अकेले मोबाइल विनिर्माण सालाना 4.4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इस समय भारत में उपयोग किये जाने वाले 98 प्रतिशत मोबाइल फोन अब भारत में निर्मित किये जा रहे हैं और स्मार्टफोन भारत से निर्यात की जाने वाली चौथी सबसे बड़ी वस्तु बन गयी है।
तमिलनाडु इलेक्टॉनिक विनिर्माण का एक प्रमुख केंद्र है। राज्य में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के तहत इस मंत्रालय से समर्थित 47 से अधिक विनिर्माण इकाइयां हैं। केंद्र की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का सबसे बड़ा लाभार्थी है, जहां पीएलआई 2.0 के तहत स्वीकृत 27 इकाइयों में से सात इकाइयां यहीं स्थित हैं। इस पहल के तहत पहली इकाई का उद्घाटन कल किया गया।
मनोहर.श्रवण
वार्ता