राज्य » अन्य राज्यPosted at: Feb 26 2019 6:39PM एसआईटी दो हफ्ते प्रगति रिपोर्ट पेश करे: हाईकोर्ट
नैनीताल 26 फरवरी (वार्ता) उत्तराखंड के करोड़ों रुपये के कथित समाज कल्याण छात्रवृत्ति घोटाला मामले में उच्च न्यायालय ने विशेष जांच दल (एसआईटी) को दो सप्ताह के अंदर मामले की प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
देहरादून निवासी एवं उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी परिषद के पूर्व अध्यक्ष रवीन्द्र जुगरान की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की युगलपीठ ने मंगलवार को ये निर्देश जारी किये। अदालत ने एसआईटी के प्रभारी मंजूनाथ को दो सप्ताह के अंदर मामले की प्रगति रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये हैं। अदालत ने एसआईटी से पूछा है कि मामले में जांच कहां तक पहुंची है और पूरे मामले में अभी तक क्या प्रगति हुई है, इस संबंध में रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा है।
याचिकाकर्ता की ओर से एक जनहित याचिका दायर कर इस मामले को चुनौती दी गयी है। याचिकाकर्ता की ओर से अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रों को समाज कल्याण विभाग की ओर से मिलने वाली छात्रवृत्ति मामले में करोड़ों रुपये की आर्थिक अनियमितता की बात कही गयी है। याचिकाकर्ता की ओर से आगे कहा गया कि आर्थिक अनियमितता वर्ष 2003 से 2016 के बीच प्रकाश में आया है। विशेष रूप से प्रदेश के उधमसिंह नगर एवं हरिद्वार जिलों में आर्थिक गड़बड़ी हुई है।
याचिकाकर्ता की ओर से इस मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की गयी थी। बाद में सरकार ने जनवरी में इस मामले की जांच के लिये नयी एसआईटी का गठन कर दिया था। सरकार ने पहले से गठित एसआईटी के प्रभारी मंजूनाथ का स्थानांतरण कर दिया था। अदालत के हस्तक्षेप के बाद मामले की जांच मंजूनाथ के नेतृत्व वाली एसआईटी को ही सौंपी गयी। इसके बाद इस मामले की जांच में काफी तेजी आयी है।
अदालत ने इससे पहले सरकार को 11 फरवरी को जांच इस मामले की जांच रिपोर्ट अदालत में पेश करने के निर्देश दिये थे। सरकार की ओर से इस मामले में एक विस्तृत रिपोर्ट अदालत में पेश की गयी। जिसमें आशंका जतायी गयी थी कि लगभग 500 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति घोटाला छह राज्यों में फैला है।