नयी दिल्ली 27 दिसंबर (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अर्थशास्त्रियों तथा अन्य विशेषज्ञों से कौशल विकास तथा पर्यटन जैसे क्षेत्रों में नवाचारी तरीके अपनाने की अपील की। नीति आयोग द्वारा ‘अार्थिक नीति-भविष्य की राह’ विषय पर आयोजित परिचर्चा के दौरान कृषि, कौशल विकास तथा रोजगार सृजन, कराधान तथा शुल्क संबंधी मुद्दों, शिक्षा, डिजिटल प्रौद्योगिकी, हाउसिंग, पर्यटन, बैंकिंग, प्रशासनिक सुधार, डाटा समर्थित नीति एवं विकास के लिए भविष्य में लिये जाने वाले कदमों पर अर्थशास्त्रियों तथा विशेषज्ञों की राय भी सुनी। परंपरा से हटकर फरवरी के अंतिम सप्ताह की बजाय केंद्रीय बजट पेश करने से एक महीने पहले करने के बारे में श्री मोदी ने परिचर्चा में कहा कि इससे वास्तविक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा बजट कैलेंडर में व्यय के लिए स्वीकृति मानसून के आगमन के आसपास जाकर मिलती है। इससे मानसून से पहले के समय में सरकारी कार्यक्रम लगभग निष्क्रिय हो जाते हैं। इसी के मद्देनजर बजट पहले पेश करने की योजना बनायी गयी है ताकि नये वित्त वर्ष के शुरू होते-होते व्यय के लिए स्वीकृति भी मिल जाये। शेखर.अजीत.श्रवण वार्ता