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श्रीकांत के प्रोत्साहन ने सचिन को दिया था आत्मविश्वास: शिवारामाकृष्णन

श्रीकांत के प्रोत्साहन ने सचिन को दिया था आत्मविश्वास: शिवारामाकृष्णन

नयी दिल्ली, 20 जून (वार्ता) भारत के पूर्व लेग स्पिनर लक्ष्मण शिवारामाकृष्णन ने कहा है कि कृष्णामाचारी श्रीकांत ने अपनी कप्तानी में युवा सचिन तेंदुलकर को आत्मविश्वास दिया था जिससे वह आगे चलकर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज बने।

शिवारामाकृष्णन ने स्टार स्पोर्ट्स-1 तमिल शो ‘क्रिकेट कनेक्टेड अट्टम थोडारम’ में श्रीकांत की कप्तानी को लेकर कहा,“ चीका (श्रीकांत) बहुत आक्रामक कप्तान थे। उन्होंने काफी जीत भी दिलाई और वह काफी सक्रिय थे। श्रीकांत की कप्तानी में सचिन जैसे खिलाड़ी ने अपना पदार्पण किया था। उस छोटी उम्र में सचिन के लिए चीका के प्रोत्साहन ने उन्हें आत्मविश्वास दिया और आगे चलकर वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज बने।”

पूर्व लेग स्पिनर ने कहा,“हमारे पास बहुत सारे प्रेरणादायक कप्तान थे, लेकिन मुझे हमेशा लगता है कि चीका और अधिक कप्तानी कर सकते थे।” श्रीकांत ने 1989 में पाकिस्तान दौरे में चार टेस्टों में कप्तानी की थी और ये चारों टेस्ट ड्रा रहे थे। श्रीकांत को इस दौरे के बाद फिर कभी भारत का कप्तान नहीं बनाया गया। सचिन ने इसी सीरीज में 15 नवम्बर 1989 को कराची में पाकिस्तान के खिलाफ अपने करियर की शुरुआत की थी।

शिवारामाकृष्णन 1985 में ऑस्ट्रेलिया में बेंसन एन्ड हेजेस सीरीज से चर्चा में आये थे और ऑस्ट्रेलिया में उन्होंने अपनी लेग स्पिन से तहलका मचाया था। उस सीरीज में भारत ने सुनील गावस्कर की कप्तानी में खिताब जीता था। हालांकि शिवारामाकृष्णन का करियर ज्यादा नहीं चला था और वह भारत के लिए नौ टेस्ट और 16 वनडे ही खेल पाए थे।

गावस्कर की कप्तानी को लेकर शिवारामाकृष्णन ने कहा, “गावस्कर की कप्तानी और टीम प्रबंधन शानदार था। मैं उस समय मात्र 19 साल का था और मुझे मार्गदर्शन की जरूरत थी और सनी भाई ने मेरा मार्गदर्शन किया था। ”

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