श्रीनगर, 24 अक्टूबर (वार्ता) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू -कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के बाद से केन्द्रशासित प्रदेश की अपनी पहली यात्रा के पहले दिन पहली श्रीनगर-शारजाह उड़ान को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इससे पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों की इस बात को लेकर उम्मीद बढ़ी है कि श्रीनगर और शारजाह के बीच हवाई संपर्क से कश्मीर में विदेशी पर्यटकों का आगमन बढ़ेगा।
ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ कश्मीर (टीएएके) के अध्यक्ष फारूक कुथू ने कहा,“मैं बहुत आशावादी हूं कि श्रीनगर-शारजाह उड़ान लंबे समय में हमारी मदद करने वाली है।”
‘गो फर्स्ट’, जिसे पहले ‘गोएयर’ के नाम से जाना जाता था, श्रीनगर और शारजाह के बीच एक सप्ताह में चार उड़ानें संचालित करेगा। उड़ानें मंगलवार, गुरुवार, शनिवार और रविवार को होंगी। एयरलाइन के एक अधिकारी ने कहा कि पहली उड़ान में 139 वयस्क और तीन शिशु सवार हुए, जिसे शारजाह पहुंचने में लगभग चार घंटे लगते हैं।
कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष शेख आशिक ने कहा कि यह एक बहुत जरूरी पहल थी।
उन्होंने कहा, “हालांकि इसमें 10 या 11 साल की देरी हुई, यह एक बहुत ही स्वागत योग्य कदम है। यह न केवल आने वाले दिनों में यात्रा को आसान बनाएगा बल्कि सीधे व्यापार लिंक भी खोलेगा। इसलिए उम्मीद है कि निर्यात करने का इरादा रखने वाले लोगों के लिए व्यापार के रास्ते खुलेंगे। यह दूसरों को प्रोत्साहित करेगा और हमारे पास अन्य गंतव्यों के लिए और अधिक सीधी उड़ानें हो सकती हैं।”
हालांकि, उड़ान की व्यावसायिक व्यवहारिकता के बारे में एक वर्ग के बीच डर है और क्या इसे यह लंबे समय तक बरकरार रखा जा सकता है क्योंकि इसी तरह का प्रयास 12 साल पहले किया गया था जब श्रीनगर से दुबई के लिए पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ान 2009 में एयर इंडिया एक्सप्रेस द्वारा शुरू की गई थी। हालाँकि, सेवा कम मांग के कारण वह सेवा बंद कर दी गई थी और पाकिस्तान ने भी अपने हवाई क्षेत्र के उपयोग की अनुमति नहीं दी थी।
ऑल जम्मू-कश्मीर हज उमरा टूर ऑर्गनाइजर्स एसोसिएशन,के महासचिव उ मर नजीर तिब्बत बकल ने कहा,“हवाई संपर्क की बहाली एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन मेरी एकमात्र चिंता यह है कि क्या यह जारी रह पाएगी। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, यह आवश्यक है कि हमारे यहां स्थिरता हो क्योंकि कोई भी अशांत क्षेत्र में प्रवेश नहीं करना चाहता है।”
पर्यटन सचिव सरमद हफीज ने कहा कि यहां लगभग एक लाख कश्मीरी हैं, जो काम कर रहे हैं या संयुक्त अरब अमीरात में बस गए हैं और यह उड़ान उन्हें बहुत मदद करने वाली है, जम्मू-कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय परिद्वश्य से जोड़े जाने से न केवल पर्यटन बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा,“अंतरराष्ट्रीय उड़ान न केवल पर्यटन के लिए बहुत मददगार होने जा रही है, बल्कि कार्गो, कश्मीर हस्तशिल्प और कश्मीर उत्पादों को बाहर भेजने में काफी हद तक मदद करेगी और जल्द ही हमारे पास नई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें होंगी।”
संजय
वार्ता