चेन्नई, 02 नवंबर (वार्ता) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने मंगलवार को राज्य में रह रहे श्रीलंकाई तमिल शरणार्थियों के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं की पेशकश की।
वेल्लोर जिले के अब्दुल्लापुरम में आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री ने राज्य विधानसभा के हालिया बजट सत्र में नियम 110 के तहत उनके द्वारा की गई घोषणा के अनुरूप शिविरों में रहने वाले श्रीलंकाई तमिलों के लिए 317.40 करोड़ रुपये की लागत से 7,469 घरों के निर्माण किए जाने का निर्देश दिया।
पहले चरण में 142.16 करोड़ रुपये की लागत से 3,510 मकान बनाए जाएंगे। प्रत्येक घर का माप 290 वर्ग फुट होगा और इसमें बिजली, शौचालय, बरसाती पानी की नालियां, सड़कें और पीने के पानी जैसी सभी मूलभूत सुविधाएं होंगी। शिविरों में 30 करोड़ रुपये की लागत से इन सारी चीजों की व्यवस्था कराई जाएगी।
उन्होंने पांच करोड़ रुपये के आवंटन के साथ 'श्रीलंकाई तमिलों के जीवन में सुधार योजना' का भी शुभारंभ किया। इन कल्याणकारी योजनाओं को दीवाली से पहले पेश किया गया, जिनमें शरणार्थियों के परिवारों के सभी सदस्यों के लिए सेलम स्टील प्लांट से पांच तरह के बर्तनों और राज्य के स्वामित्व वाली को ऑप्टेक्स पोशाकों का वितरण भी शामिल है।
एक और अग्रणी पहल के तहत शिविरों के अंदर और बाहर रहने वाले 18,000 श्रीलंकाई तमिल परिवारों के लिए मुफ्त एलपीजी सिलेंडरों का वितरण किया गया।
उन्होंने कहा कि चूंकि शिविरों में रहने वाले परिवारों को किया गया मिट्टी तेल का आवंटन पर्याप्त नहीं था और इसके अलावा, ये लोग प्रधान मंत्री की उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन प्राप्त करने की स्थिति में भी नहीं थे इसलिए राज्य सरकार प्रत्येक परिवार को सात करोड़ रुपये की लागत से मुफ्त एलपीजी कनेक्शन और एक स्टोव देगी।
इन परिवारों को एलपीजी सिलेंडर के लिए हर पांच साल में सब्सिडी के रूप में 400 रुपये मिलेंगे और इसके लिए सरकार हर साल 3.80 करोड़ रुपये का बजट रखेगी। श्री स्टालिन ने शिविरों में रहने वाले परिवारों के लिए 20 किलोग्राम मुफ्त चावल दिए जाने की भी घोषणा की है।
अरिजीता जितेन्द्र
वार्ता