चेन्नई, 14 नवंबर (वार्ता) तमिलनाडु सरकार 'उत्तराचथाई उरुथी सेई' (कुपोषित बच्चों और उनकी माताओं के लिए पोषण योजना) के पहले चरण की शानदार सफलता के बाद शुक्रवार को इस योजना की द्वितीय चरण की शुरुआत अरियालुर में करेगी। इस योजना के पहले चरण में 77.3 प्रतिशत बच्चों को लाभ पहुंचा है।
मुख्यमंत्री एम.के. ने यहां एक बयान में कहा कि वह शुक्रवार को अरियालुर के वाराणसी चिल्ड्रेन सेंटर में 22 करोड़ रुपये की लागत से लागू होने वाले कार्यक्रम के दूसरे चरण का शुभारंभ करेंगे।
श्री स्टालिन ने कहा कि मंत्री, निर्वाचित प्रतिनिधि और जिला कलेक्टर उसी दिन कुपोषित बच्चों की माताओं को पोषण किट वितरित करके अपने-अपने जिलों में कार्यक्रम शुरू करेंगे।
उन्होंने कहा कि शून्य से छह महीने के आयु वर्ग के 76,705 शिशुओं को स्तनपान कराने वाली माताओं, जिन्हें कुपोषित के रूप में पहचाना गया है, को कार्यक्रम के दूसरे चरण के अंतर्गत कवर किया जाएगा और उनके दरवाजे पर किट वितरित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2022 में शुरू की गई योजना के प्रथम चरण के दौरान, 77.3 प्रतिशत कुपोषित बच्चे पोषण किट दिए जाने के बाद सामान्य हो गए क्योंकि शिशुओं का पोषण तभी सुनिश्चित किया जा सकता है जब माताओं का स्वास्थ्य ठीक से सुनिश्चित किया जाएगा।
राज्य में बच्चों में कुपोषण को दूर करने और उन्हें स्वस्थ बनाने के लिए इस योजना को ध्यान में रखते हुए शुरू किया गया था।
समीक्षा.अभय
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