बेंगलुरु 25 दिसंबर (वार्ता) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में मेंगलुरु में प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग में मारे गये दो लोगों के परिजनों को सहायता राशि देने को लेकर येदियुरप्पा सरकार के यू-टर्न लेने की तीखी आलोचना करार देते हुए इसे ‘अमानवीय’ करार दिया।
श्री सिद्धारमैया ने बी एस येदियुरप्पा नीत सरकार को ‘क्रूरतापूर्ण सांप्रदायिक’ करार देते हुए ट्वीट कर कहा, “एक निर्वाचित सरकार को इस कदर अमानवीय और क्रूरतापूर्ण सांप्रदायिक नहीं होना चाहिए। सरकार मेंगलुरु दंगा के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को सहायता नहीं देकर गलत परंपरा कायम कर रही है। श्री येदियुरप्पा ने तो जांच पूरी होने से पहले ही सजा सुना दी है।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने श्री येदियुरप्पा पर तंज कसते हुए कहा कि पुलिस फायरिंग की अपराध जांच विभाग (सीआईडी) से जांच और बुधवार को श्री येदियुरप्पा का बयान परस्पर विरोधाभासी है। उन्होंने आरोप लगाया कि श्री येदियुरप्पा ने पुलिस को फायरिंग करने का आदेश दिया।
उन्हाेंने कहा,“श्री येदियुरप्पा ने पहले पुलिस फायरिंग में मारे गये दोनों लोगों को मेंगलुरु दंगे का दोषी ठहरा दिया है तब सीआईडी जांच का नाटक क्यों? जांच को तुरंत रोका जाना चाहिए। अब यह भी साफ हो गया कि आप (श्री येदियुरप्पा) ही वह व्यक्ति हैं जिसने पुलिस को लोगों की जान लेने का आदेश दिया।”
गौरतलब है कि श्री येदियुरप्पा ने मेंगलुरु में पुलिस की गोलीबारी के दो पीड़ितों को 10-10 लाख रुपये की सहायता राशि देने के अपने आदेश को वापस ले लिया है। उन्होंने आज संवाददताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि 19 दिसम्बर को मेंगलुरु में हुई हिंसा में पुलिस की गोली लगने से मारे गये दो लोगों के परिजनों को सहायता राशि नहीं देने का फैसला किया गया है क्योंकि दोनों पीड़ित आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे है और आरोपियों को मुआवजा दिये जाने की कोई परिपाटी नहीं है।
उन्होंने कहा, “मुआवजे के भुगतान का फैसला राज्य सरकार द्वारा निर्देशित सीआईडी और मजिस्ट्रेट जांच के पूरा होने के बाद ही लिया जाएगा। ”
पुलिस की गोलीबारी के पीड़ितों के परिजनों को सहायता राशि के भुगतान का अपना फैसला वापस लेने का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों पीड़ित दंगों की घटना में मारे गये है। उन्होंने कहा, “ जो लोग आपराधिक आरोप का सामना कर रहे हो, उन्हें मुआवजा देने का प्रावधान नहीं है।”
संजय, यामिनी
वार्ता