नयी दिल्ली, 23 अप्रैल (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर आम राय कायम करने के लिये सभी मुख्यमंत्रियों को श्रेय देते हुए आज कहा कि यह हमारी “ एक राष्ट्र , एक आकांक्षा और एक दृढ संकल्प ” की भावनाओं को परिलक्षित करता है अौर इसे यथाशीघ्र लागू करने के लिए इससे जुड़े राज्य जीएसटी कानून राज्य स्तर पर शीघ्र पारित कराये जाने चाहिए। प्रधानमंत्री ने नीति आयोग की शासकीय परिषद की राष्ट्रपति भवन में तीसरी बैठक की आज अध्यक्षता करने के दौरान कहा कि जीएसटी देश के इतिहास में नया कीर्तिमान रचेगा कि किस तरह राज्यों और केन्द्र के आपसी तालमेल से इतना बड़ा कदम उठाया जा सका। उन्होंने बैठक के समापन भाषण में भी राज्यों से इससे जुड़े प्रदेश स्तरीय कानून को यथाशीघ्र पारित कराने की भी अपील की। इससे पहले वित्त मंत्रालय के राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने जीएसटी पर एक प्रस्तुति दी तथा राज्यों से इसे एक जुलाई से लागू करने के लिए प्रदेश स्तरीय कानून को यथाशीघ्र पारित करने का आह्वान किया था। बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मौजूद नहीं थे। दिल्ली की तरफ से उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बैठक में थे लेकिन वह दूसरे सत्र में मौजूद नहीं थे। नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढिया ने बैठक के संवाददाताओं से कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक , आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडु के साथ ही तेलंगना, पुड्डुचेरी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों सहित 27 मुख्यमंत्री उपस्थित थे। सभी मुख्यमंत्रियों से जीएसटी को एक जुलाई से लागू करने के लिए राज्य स्तर पर जीएसटी कानून पारित कराने का आग्रह किया गया है। गौरतलब है कि संसद के बजट सत्र में जीएसटी से जुड़े चार महत्वपूर्ण विधेयकों को संसद के दोनों सदनों की मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भी 13 अप्रैल को इन्हें कानून बनाने के लिये अपनी मंजूरी दे दी। सरकार की योजना है कि देश में आर्थिक सुधारों की दिशा में सबसे बड़ा कदम माने जाने वाले जीएसटी को इस वर्ष एक जुलाई से लागू कर दिया जाये। जीएसटी के तहत सभी केन्द्रीय उत्पाद कर, सेवा कर, मूल्य वर्द्धित कर(वैट) और अन्य स्थानीय करों को मिलाकर एक कर प्रणाली का आगाज होगा जिससे पूरा देश एक बाजार के रूप में स्थापित होगा और सामान की आवाजाही में कोई बाधा नहीं होगी। शेखर, यामिनी वार्ता