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राज्य


उन्होने कहा कि डिफेंस ट्रिब्यूनल सैनिको की समस्याओं के समाधान और उन पर सुनवाई के लिए बनाया गया था लेकिन रक्षा मंत्रालय के रवैये से वह तमाशा बन गया है।जिस भी मामले में ट्रिब्यूनल सैनिको के पक्ष में निर्णय सुनाता है उस पर रक्षा मंत्रालय उच्चतम न्यायालय में अपील में चला जाता है।उसके इस रवैये पर उच्चतम न्यायालय गंभीर टिप्पणी कर चुका है।

पूर्व सैन्य अधिकारी ने वित्त मंत्री अरूण जेटली पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि अमृतसर से चुनाव हारने के बाद उऩके रूख में पूर्व सैन्य अधिकारियों कर्मचारियों के प्रति परिवर्तन आया क्योकि उन्हे लगता है कि वहां बड़ी संख्या में मतदाता होने के बाद भी पूर्व सैन्य अधिकारियों कर्मचारियों ने उन्हे समर्थन नही दिया।उन्होने वर्ष 2018-19 के बजट में सेना को लिए राशि का उल्लेख नही किए जाने पर भी सवाल उठाया और कहा कि उसे जीडीपी के 1.58 प्रतिशत रखने की बात की गई।उऩ्होने कहा कि यह मजाक नही तो और क्या है।

उन्होने राफेल विमानो तथा हाल ही में वायुसेना अध्यक्ष द्वारा दिए गए बयान के बारे में पूछे जाने पर कहा कि रक्षा की खरीद में सेनाओं के मुख्यालय शामिल नही रहते।जहां तक राफेल का मामला है सरकार इसमें तथ्य छुपा रही है।उन्होने कहा कि सरकार का गोपनीयता के नाम पर तथ्यों को उजागर नही करना महज बहाना है।राफेल कोई भारत के पास ही नही आने वाला,बल्कि पहले से दुनिया के कई देशों के पास है।उन्होने वायुसेना अध्यक्ष के सात की बजाय दो स्क्वाड्रन के बयान की आलोचना की।

साहू

वार्ता
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