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वर्ष 1989 में प्रदर्शित फिल्म “राम लखन” गुलशन ग्रोवर के सिने करियर की महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुयी। सुभाष घई के निर्देशन में बनी इस फिल्म में उनको बतौर खलनायक एक छोटी सी भूमिका निभाने का अवसर मिला। किरदार का नाम था “केसरिया विलायती”। इस फिल्म में उनका बोला गया संवाद “बैडमैन” दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ। इसके बाद वह फिल्म इंडस्ट्री में बैडमैन के नाम से मशहूर हो गये ।
फिल्म “राम लखन” की सफलता के बाद गुलशन ग्रोवर को अब बड़े बजट की फिल्मों में बतौर मुख्य खलनायक
काम मिलना शुरू हो गया। इन फिल्मों में मुजरिम, जंगबाज, दूध का कर्ज, इज्जत, सौदागर, मां, शोला और शबनम
जैसी सुपरहिट फिल्में शामिल है। इन फिल्मों की सफलता के बाद वह बतौर खलनायक फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित हो गये।
वर्ष 1993 में प्रदर्शित फिल्म “सर” गुलशन ग्रोवर के सिने करियर की एक और सुपरहिट फिल्म साबित हुयी। महेश भट्ट के निर्देशन में बनी इस फिल्म में उनके किरदार का नाम था “छप्पन टिकली”। इस फिल्म में उनका यह किरदार दर्शकों को काफी पसंद आया। फिल्म में अपनी दमदार भूमिका के लिये उन्हें अपने करियर में पहली बार सर्वश्रेष्ठ खलनायक के फिल्म फेयर पुरस्कार से नामांकित किये गये ।
वर्ष 1997 गुलशन ग्रोवर के सिने करियर का अहम वर्ष साबित हुआ। इस वर्ष उन्हें अंग्रेजी फिल्म “जंगल बुक” की दूसरी कड़ी में काम करने का अवसर मिला जिससे उन्हें अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्ति हुयी। इसी वर्ष उनकी लोकप्रियता को देखते हुये वाशिंगटन की एक कंपनी में उन्हें विज्ञापन करने का प्रस्ताव मिला। यह फिल्म इंडस्ट्री का पहला मौका था जब किसी भारतीय अभिनेता को विदेशी कंपनी द्वारा विज्ञापन में काम करने का अवसर मिला था। इसके बाद गुलशन ग्रोवर को हॉलीवुड फिल्मों में भी काम करने का अवसर प्राप्त हुआ। इन फिल्मों में इस्ट साइड, टेल स्टिंग, मानसून, वीपर, इन द शैडोज ऑफ द कोबरा, वी आर नो मांकस, अमेरिकन डे लाइट, माई बॉलीवुड ब्राइड, बलांइड एंबिशन जैसी कई फिल्में शामिल है। गुलशन ग्रोवर ने अपने तीन दशक के लंबे सिने करियर में लगभग 300 फिल्मों में अभिनय किया है।
प्रेम, उप्रेती
वार्ता
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