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राज्य


स्वास्थ्य विभाग की प्रधानप सचिव निधि खरे ने बताया कि यह राज्य सरकार का हाईब्रिड माॅडल है। इस योजना के लिये अबतक 280 अस्पतालों को सूचीबद्ध कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस योजना से जुड़ने के लिये 603 अस्पतालों ने आवेदन दिया है, जिसकी जांच की जा रही है। लाभुक परिवार देश के किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल में भर्ती होकर इलाज करा सकते हैं। सूचीबद्ध अस्पताल सभी लाभुक का इलाज करेंगे। इसके लिये किसी तरह की उम्रसीमा निर्धारित नहीं की गयी है।
प्रधान सचिव ने बताया कि योजना की शुरुआत के दिन से सभी लाभुक परिवार इससे स्वतः जुड़ जायेंगे। इस योजना के तहत 25 लाख परिवार के लिए प्रीमियम का भुगतान केन्द्र और राज्य सरकार 60:40 के अनुपात में करेंगी। शेष 32 लाख परिवारों के प्रीमियम का भुगतान राज्य सरकार अकेले करेगी। उन्होंने बताया कि इस योजना से राज्य की 80 प्रतिशत आबादी लाभान्वित होगी। इसके दायरे में 1350 तरह की बीमारियों को शामिल किया गया है।
श्रीमती खरे ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े सभी परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा। इसके लिये राज्य के 90 प्रतिशत से अधिक सरकारी और निजी अस्पतालों को सूचीबद्ध कर लिया गया है। इसमें उन अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है, जहां कम से कम 10 बेड हैं। इस योजना के लिये अभी तक अस्पतालों में 6546 बेड की उपलब्धता हो गयी है। उन्होंने बताया कि इलाज कराने वाले व्यक्ति की सुविधा के लिये हर जिले में आरोग्य मित्र रहेगे। इनकी पहचान के लिये इन्हें ड्रेस कोड उपलब्ध कराया जायेगा। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी और बीमा कंपनी के कई प्रतिनिधि उपस्थित थे।
सूरज रमेश
वार्ता
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