खरगोन, 24 अक्टूबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जनसामान्य के घर रात रुकने से परेशानियों को जानकर हल करने में मदद मिलती है।
आज खंडवा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत खरगोन जिले के भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र के खारवा में जनसभा को संबोधित करते हुए श्री चौहान ने बुरहानपुर जिले के बहादुरपुर में बैंड वाले तुकाराम के घर रात रुकने का जिक्र करते हुए कहा कि जन सामान्य के घर रुकने से जमीनी हकीकत और परेशानियों को जानकर उन्हें हल करने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि वे लगातार ऐसा कर रहे हैं।
उन्होंने केंद्र तथा प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी लोगों की जिंदगी बदलने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आगामी 15 नवंबर से आदिवासी क्षेत्रों में गरीबों को उनके द्वार पर ही राशन मिलने लगेगा। इससे आदिवासी युवाओं को रोजगार मिलेगा और गरीबों का भी समय बचेगा।
श्री चौहान ने कहा कि कांग्रेस के हर काम में विरोध की नीति के बावजूद उन्होंने कल 77 लाख किसानों के खाते में 1540 करोड़ रु स्थानांतरित किए हैं। उन्होंने कटाक्ष किया कि कमलनाथ हमेशा पैसा का रोना रोते थे, लेकिन भाजपा की सरकार नागरिकों के लिए राशि एवं संसाधन की कमी नहीं आने देगी। उन्होंने प्रश्न किया कि यदि कमलनाथ पैसे का इंतजाम नहीं कर सकते थे, तो मुख्यमंत्री क्यों बन गए। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार द्वारा बंद की गई समस्त जन कल्याणकारी योजनाओं को पुनः आरंभ कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार नशा मुक्ति अभियान के तहत शराब को खराब बात कर इसके सेवन को हतोत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा फिलहाल शराब के व्यवसाय से अमीर अरबपति हो जा रहा है, लेकिन गरीब आदिवासी को दिक्कत आती है। उन्होंने कहा कि आदिवासी जन्म से लेकर मरण तक के हर कार्यक्रम में शराब का उपयोग करते हैं। इसी तारतम्य में व्यवस्था परिवर्तन एवं आर्थिक सशक्तिकरण के लिए नई आबकारी नीति के तहत आदिवासियों को भी शराब बनाने की विधिवत अनुमति देकर उन्हें अपने ब्रांड की शराब शासन के माध्यम से बाजार में बेचने का अवसर प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आबकारी एवं पुलिस द्वारा शराब को लेकर बनाए गए छोटे मुकदमे भी वापस लिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि जब राज्य में लोग शराब पीना बंद कर देंगे, तब इसे बनाना भी बंद करवा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सभी को नौकरी मिलना संभव नहीं है, लेकिन आगामी 1 वर्ष में बैकलॉग पद भर दिए जाएंगे। इसके अलावा युवाओं को रोजगार के लिए कई अन्य अवसर दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में पेसा कानून लागू कर ग्राम सभा को मजबूत कर इसके माध्यम से कई विकास कार्यों का संचालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस भ्रांति को दूर किया जाना चाहिए कि पेसा कानून से गैर आदिवासियों के हित सुरक्षित नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि गैर आदिवासी अपने पूर्ण अधिकारों के साथ रह सकेंगे। उन्होंने कहा कि आगामी 15 नवंबर को बिरसा मुंडा के जन्मदिवस पर भोपाल में आदिवासी महाकुंभ आयोजित किया जाएगा।
इसके पूर्व उन्होंने इसी क्षेत्र के तितरानिया में भी जनसभा को संबोधित किया। यहां आदिवासियों में उनका जमकर स्वागत किया।
सं विश्वकर्मा
वार्ता