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एसटीएफ ने किया कलिंजर हत्याकाण्ड के फरार इनामी बदमाश को गिरफ्तार

एसटीएफ ने किया कलिंजर हत्याकाण्ड के फरार इनामी बदमाश को गिरफ्तार

लखनऊ, 25 नवम्बर (वार्ता) उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने 16 साल पहले बांदा के कलिंजर किले के निकट बारातियों की हत्या करने वाले गिरोह में शामिल रहे 65 हजार रुपये के इनामी बदमाश को आज शाम प्रयागराज से मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया।

एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजीव नारायण मिश्र ने आज शाम यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सूचना पर एसटीएफ की टीम ने प्रयागराज के नैनी क्षेत्र से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में हत्या, डकैती आदि की सनसनीखेज घटनाओं को अंजाम देने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह के एक बदमाश अनुराग मिश्रा को मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से तीन मोबाइल फोन, एक पिस्टल और कुछ कारतूस बरामद किए गये।

उन्होंने बताया कि बांदा जिले के कलिंजर क्षेत्र में 23 जनवरी 2003 की की सुबह करीब नौ बजे कालिंजर किला मार्ग पर बदमाशों ने नीलकंठ महाराज का दर्शन करके लौट रहे बारातियों पर अन्धाधुन्ध फायरिंग करते हुए प्राण घातक हमला किया गया था, जिसमें 06 लोग मौके पर ही मारे गये थे और 02 ने इलाज दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया

था। इस घटना में कई अन्य लोग घायल हुए थे।

श्री मिश्रा ने बताया कि इस नरसंहार से पूरा इलाका थर्रा उठा था। इस सम्बन्ध में थाना कालिंजर पर छेदी लाल द्विवेदी की तहरीर पर मामला दर्ज कराया गया था। विवेचना से घटना में पप्पू यादव गिरोह ,अनुराग मिश्रा, विजय यादव, छोटा यादव, राम सुजान आदि के नाम प्रकाश में आये थे। न्यायालय द्वारा इस अभियोग में अनुराग मिश्रा समेत चार अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी। सजा की जानकारी होने पर न्यायालय पेशी से लौट रहा अनुराग मिश्रा वर्ष 2012 में मानिकपुर रेलवे स्टेशन से पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया था। इस सम्बन्ध में जी आर पी

मानिकपुर में मामला दर्ज कराया गया था।

उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा काफी प्रयास करने के बावजूद भी यह बदमाश गिरफ्तार नहीं हो सका और 2012 से अब तक निरन्तर फरार चल रहा था। पुलिस अभिरक्षा से फरार रहने के कारण पुलिस महानिदेषक की ओर से 2016 में इसकी गिरफ्तारी के लिए 50 हजार का इनाम घोषित किया ,जो उस समय पुलिस अधिकारी द्वारा पुरस्कार किये जाने की उच्चतम सीमा थी और वर्तमान समय में ढ़ाई लाख की उच्चतम सीमा के बराबर है इनाम घोषित किया गया। इसके अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक रीवा जोन, मध्य प्रदेश द्वारा भी वहां के मुकदमों में फरार रहने के कारण 15 हजार का पुरस्कार घोषित किया गया था।

श्री मिश्र ने बताया निरन्तर फरार होने के बावजूद अनुराग मिश्रा की गिरफ्तारी न हो पाने के कारण इसकी गिरफ्तारी की जिम्मेदारी एसटीएफ को सौंपी गई थी। इसी क्रम में एसटीएफ को सूचना मिली कि महोबा, मध्य प्रदेश के छतरपुर और उत्तराखण्ड के चम्पावत जिले में यह बदमाश नाम बदल-बदल कर रहता है, और थोड़े-थोड़े अन्तराल पर

अपना ठिकाना और मोबाइल नम्बर बदलता रहता है। सूचना से यह भी पता चला कि उक्त हत्यारा प्रयागराज के नैनी जेल के कुछ शातिर अपराधियों के सम्पर्क में है और यदा-कदा उनसे मिलने प्रयागराज भी आता है।

उन्होंने बताया कि आज सूचना प्राप्त हुई कि फरार इनामी बदमाश अनुराग मिश्रा किसी बड़ी घटना को अंजाम

देने के उद्देश्य से नैनी क्षेत्र में नये यमुना पुल के पास अरैल क्षेत्र में आने वाला है। इस सूचना पर एसटीएफ की स्थानीय

फील्ड इकाई के निरीक्षक अतुल कुमार सिंह के नेतृत्व में एक टीम को नैनी क्षेत्र में भेजकर गाड़ाबन्दी कराई गई और शाम करीब 15ः25 बजे लेप्रोसी चौराहे से अरैल जाने वाले नवनिर्मित मार्ग पर उसे घेरकर पकड़ने का प्रयास किया। इस पर उसने एसटीएफ पर पिस्टल से फायरिं शुरू कर दी गई, जिसमें एसटीएफ के जवान बाल बचे । एसटीएफ टीम द्वारा भी साहस का परिचय देते हुए फायरिंग की गई और घेरकर इनामी फरार बदमाश को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके कब्जे से हथियार आदि बरामद किए गये।

श्री मिश्र ने बताया कि गिरफ्तार इस बदमाश ने पूछताछ पर बताया कि वह बांदा जिले के थाना कालिंजर क्षेत्र के गांव तरहटी का रहने वाला है। वह दसवीं फेल है। कुख्यात डाकू पप्पू यादव उसी के गांव का रहने वाला था, जिससे उसकी दोस्ती बचपन से ही हो गई थी। बड़ा होने पर यह भी पप्पू यादव के गिरोह में शामिल हो गया और धीरे-धीरे अपराध की दुनिया में बड़ा नाम हो गया। पप्पू यादव के साथ मिलकर उसने बांदा, सतना और पन्ना (म0प्र0) में

अनेक सनसनीखेज अपराध किए। कालिंजर सामूहिक नरसंहार के मुकदमे में आजीवन कारावास की सजा से दण्डित होने के बाद वह रेलवे स्टेशन मानिकपुर से पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया और नाम बदलकर विभिन्न स्थानों पर फरारी

काटता रहा। फरार होने के उपरान्त उसने अपनी पूर्व प्रेमिका से शादी कर ली, जिससे उसकी 02 पुत्रियां हैं। वह पत्नी और बच्चों को नाम पता बदल कर महोबा के चरखारी क्षेत्र में रखा है, जिनसे मिलने के लिए वह छिपकर अक्सर आया जाया करता था।

उन्होंने बताया कि इस बदमाश पर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के विभिन्न थानों पर 17 मुकदमें दर्ज हैं । इस पर दर्ज अन्य मामलों के बारे में पता किया जा रहा है। इस बदमाश को आगे की कार्रवाई के लिए नैनी थाने मेें दाखिल करा दिया है।

त्यागी

वार्ता

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