मुबंई 14 नवंबर (वार्ता) भारत के पूर्व कप्तान और कमेंटेटर सुनील गावस्कर का मानना है कि बुधवार को होने वाले विश्वकप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के केन विलियमसन से निपटना भारतीय गेंदबाजों के लिये चुनौती साबित हो सकता है।
स्टार स्पोर्ट्स के साथ एक विशेष साक्षात्कार में गावस्कर ने कहा “ केन बहुत महान खिलाड़ी है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह बड़े ब्रेक से बाहर आया है। क्रीज पर वापस आते ही उसने रन बनाए हैं। इसलिए, मुझे नहीं लगता कि चोट से वापसी का कोई खास फर्क पड़ने वाला है। जरूरत पड़ने पर टर्न को कम करने के लिए वह पिच के नीचे जाने के लिए अपने पैरों का बहुत अच्छी तरह से उपयोग करता है और क्रीज का भी उपयोग करता है। वह बहुत अच्छा खिलाड़ी है।”
कुलदीप यादव के सामने केन के असहज होने को नकारते हुये उन्होने कहा “ मुझे नहीं लगता कि वह कुलदीप को खिलाने को लेकर परेशान होंगे। उसे पता होगा कि उससे कैसे निपटना है। यदि जरुरी हो, तो आप उस पर बाउंड्री नहीं मारना चाहेंगे और ओवर में छह सिंगल्स निकालने की कोशिश करेंगे। किसी भी मानक के हिसाब से छह रन प्रति ओवर एक अच्छा स्कोरिंग रेट है, इसलिए वह ऐसा करने की कोशिश करेगा। जब बाउंड्री बॉल आएगी, तो वह बाउंड्री बॉल को हिट करेगा, इसलिए हमने अधिक जोखिम लेने की उसकी इच्छा देखी है।”
पूर्व भारतीय दिग्गज ने कहा “ हमने शायद 2019 में केन विलियमसन का वह पक्ष नहीं देखा है, लेकिन यहां उन्हें हवा में प्रहार करते जरुर देखा है। वह शायद कुलदीप यादव के खिलाफ भी छक्के मारने की कोशिश करेंगे।”
विश्व कप में भारत ने सभी नौ लीग मुकाबलों में जीत हासिल की है। इसका श्रेय बल्लेबाजों के अलावा गेंदबाजों को भी रहा है। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर आरोन फिंच ने भारतीय गेंदबाजों की तारीफ करते हुये कहा “ भारत के सभी गेंदबाजों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर विरोधी खेमे में हलचल पैदा की है। विशेष रूप से बुमराह, रिवर्स स्विंग करने की उनकी क्षमता है। बुमराह ने बायें हाथ के बल्लेबाजों को खासतौर पर परेशान किया है। ”
उन्होने कहा कि न्यूजीलैंड के शीर्ष क्रम में बाएं हाथ के खिलाड़ी, कॉनवे और रचिन रविंद्र को बुमराह से चौकन्ना रहना होगा। इसके अलावा डेरिल मिशेल को जल्द आउट करने पर भारतीय गेंदबाज का फोकस होगा। भारत पूरे टूर्नामेंट में पावरप्ले में विकेट हासिल करने और नई गेंद के खिलाफ मध्यक्रम को बेनकाब करने में अच्छा रहा है। अगर मिशेल 20 ओवर तक बल्लेबाजी कर लेते हैं तो उन्हे आउट करना टेढी खीर साबित हो सकता है।
प्रदीप
वार्ता