नयी दिल्ली, 01 मई (वार्ता) भारत के स्टार पुरुष टेनिस खिलाड़ी प्रजनेश गुणेश्वरन ने कहा है कि कोरोना वायरस के कारण खेल गतिविधियां रुकना खिलाड़ी के लिए चोटिल होने जैसा है।
विश्व रैंकिंग में 132वें स्थान पर मौजूद गुणेश्वरन ने अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के कोचों के लिए आयोजित किए गए वेबिनार में यह बात कही। गुणेश्वरन के अलावा नंदन बल, पूर्व जूनियर विश्व नंबर एक यूकी भांबरी, 2017 फ्रेंच ओपन मिश्रित युगल चैंपियन रोहन बोपन्ना औऱ महिला खिलाड़ी अंकिता रैना भी इस वेबिनार को संबोधित कर चुके हैं।
कोरोना वायरस के कारण देश में लागू हुए लॉकडाउन के दौरान एआईटीए और साई ने कोचों के लिए वेबिनार की शुरुआत की है।
30 वर्षीय गुणेश्वरन ने कोरोना माहामारी के कारण खेल गतिविधियां ठप्प होने को लेकर कहा, “टेनिस की ओर से देखें तो टेनिस नहीं खेल पाने से काफी बुरा लग रहा है। एक एथलीट के लिए इससे बुरा कुछ नहीं हो सकता। यह चोटिल होने जैसा है। लेकिन तब और भी गुस्सा आता है जब आपको पता है कि आप चोटिल नहीं है औऱ खेलने के लिए फिट है, इसके बावजूद आपको घर में रहना है। यह स्थिति चुनौतीपूर्ण है।”
इस कार्यक्रम के निदेशक सुरेश कुमार सोनाचालम के साथ उन्होंने करियर के दौरान खेल को लेकर रणनीति के बारे में भी चर्चा की।
भारत के लिए डेविस कप में पांच मुकाबलों में खेल चुके चेन्नई के गुणेश्वरन ने कहा, “ यह आपको तय करना है कि आप अपने खेल में सुधार करना चाहते हैं। कुछ मैचों में हारने का जोखिम होता है क्योंकि आप रातों-रात नया कौशल नहीं हासिल कर सकते। यह लगातार अभ्यास से हासिल होता है।”
गुणेश्वरन ने कहा, “हर खिलाड़ी को यह तय करना होता है कि वह ऐसा महसूस करता है कि नहीं कि उसे सुधार की जरुरत है या नहीं, जिससे वह अपने खेल को अलग स्तर पर ले जा सके। यह नियमित तथा दीर्घकालिक दृष्टिकोण की तरह है। खेल में संतुलन रखना ज्यादा जरुरी है।”
शोभित राज
वार्ता