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प्रदूषित यमुना में घडियाल के प्रजनन से जगी उम्मीद

प्रदूषित यमुना में घडियाल के प्रजनन से जगी उम्मीद

इटावा , 18 जून (वार्ता) देश की सबसे प्रदूषित नदियों मे शुमार यमुना नदी मे घड़ियालो के दर्जनो बच्चे दिखने से यहां पर्यावरणविदों के बीच उत्साह की लहर दौड़ गयी है।

पर्यावरणविदों का मानना है कि घड़ियालों की मौजूदगी ने उस धारणा को भी खारिज कर दिया है है कि प्रदूषित जल मे घाडियाल का प्रजनन नही होता है । इससे यह उम्मीद भी बंध चली है कि आने वाले दिनो मे चंबल के अलावा यमुना नदी भी घाडियालो के प्रजनन के लिये एक मुफीद प्राकृतिक वास बन सकेगा ।

भारतीय वन्य जीव संस्थान की परियोजना नमामी गंगे के सरंक्षण अधिकारी डा.राजीव चौहान का कहना है कि यमुना नदी मे घाडियाल का प्रजनन यह इंगित करता है कि इस क्षेत्र मे यमुना नदी के पानी मे शुद्वता है और यह क्षेत्र घडियालो के प्राकृतिक आवास बन सकता है । यदि यमुना के पानी को शुद्व बनाने के जो प्रयास किये जा रहे है वह कारगर साबित होते हुए दिख रहे है । आने वाले दिनो मे यमुना नदी जैव विविधता के संरक्षण का एक नया मॉडल साबित हो सकता है।

वन्यजीव संरक्षण की दिशा मे काम रही संस्था सोसायटी फार कंजरवेशन आफ नेचर के सचिव संजीव चौहान का कहना है कि यमुना नदी मे बीच बीच मे छोडे जाने वाले पानी की वजह से इटावा के आसपास का पानी साफ हो गया है और इसी वजह से घडियालो ने यमुना नदी मे प्राकृतिक वास बनाया है । ऐसा लगने लगा है देश मे सबसे प्रदूषित यमुना नदी का पानी कही ना कही अब इटावा के आसपास साफ हो रहा है इसी वजह से अब घडियाल यमुना नदी मे प्रजनन करने लगे है। इस बदलाव को लेकर ऐसी उम्मीद बंधी है कि अब यमुना नदी भी घडियालो को पालने के लिये मुफीद मानी जा सकती है ।

सं प्रदीप

जारी वार्ता

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