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लोकरुचि


बलरामपुर स्थित पक्षी बिहार से लौटने लगे मेहमान पक्षी

बलरामपुर स्थित पक्षी बिहार से लौटने लगे मेहमान पक्षी

बलरामपुर 23 मार्च (वार्ता )सरहदों की बेबस दीवारों को अपने मासूम पंखों के सहारे बेरोक टोक शरद ऋतु की आहट होते ही पारकर आये विदेशी मनमोहक मेहमान पक्षियों के कलरव से गूंज रहा उत्तर प्रदेश मे बलरामपुर जिले के सौहेल्वा वन्य जीव संरक्षित क्षेत्र के पक्षी बिहार में शनैः शनैः प्रवासी पक्षियों की वापसी से सन्नाटा परसने लगा है।

यूरोप तथा एशियाई देश साइबेरिया , अफगानिस्तान तथा अन्य देशों से आये रंग बिरंगी विदेशी मेहमान पक्षी अपनी मृदुल चहचहाहट और मनमोहक अटखेलियों से आसपास एवं नेपाल से आ रहे पर्यटकों को खूब लुभा रहे थे।

वनाधिकारी रजनीकांत मित्तल ने शनिवार को नवम्बर माह में शरद ऋतु की शुरुआत से ही साइबेरिया मे जबरदस्त बर्फबारी से पक्षियों को भोज्य पदार्थ का अकाल पड़ने के कारण साइबेरियन पक्षी भोजन की तलाश मे भटककर यहां के पक्षी बिहार मे नव उड़ान भर आते है। चार महीने पश्चात मार्च मास में बसंत ऋतु का आगमन होते ही अपने गंतव्य स्थान पर लौट जाते है। चार माह पक्षी बिहार पर्यटकों की बढ़ती आमद से हराभरा रहने के कारण वन विभाग को काफी लाभ होता है। इन दिनों दुर्लभ जाति व प्रजातियों के पण्कौआ, पिहो,जांघिल, ड्बारु, तिवारी ,नीलसर, लालसर, सीकपर, पिंटेल, सलही, बारंकटा, बगुला, मैना, तोता, सारस ,मोर और अन्य सुरीले पक्षियों ने पक्षी बिहार की हवाओं को भी संगीतमय सुरीली बना दिया है।

अफगानिस्तान से आये हाईबैक्टेल ने पर्यटको को सम्मोहित कर जैसे अपनी मृदु वाणी के वश में कर कैद कर रखा था l लोक लुभावने ये विदेशी पक्षी लौटते समय प्रजनन भी करते है। पक्षियों के संग वन क्षेत्र में पाये जाने वाले दुर्लभ सर्प ,वन्यजीव भी पर्यटकों को दिलखुश हरकतों से लुभाते है।

वनाधिकारी ने बताया कि इन चार माह में विशेष तौर पर प्रवासी पक्षियों पर बहेलियो और शिकारियों से बचाये रखने के लिये वनरक्षक सतर्क रहे।

सं भंडारी

वार्ता

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