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लोकरुचि


कान्हा की नगरी में बही भक्तिरस की गंगा

कान्हा की नगरी में बही भक्तिरस की गंगा

मथुरा, 24 अगस्त (वार्ता) श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर कन्हैया की नगरी मथुरा में कृष्ण भक्ति की गंगा प्रवाहित हो रही है।

       उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मथुरा की जन्माष्टमी को इस बार भव्य तरीके से मनाने के कारण यह नगरी नई नवेली दुल्हन बन गई है। लखनऊ के लक्ष्मीकांत वाजपेयी, देवेन्द्र शुक्ला ,लखीमपुर के विमलेन्द्र मिश्रा हर बार जन्माष्टमी मथुरा में ही मनाते हैं लेकिन वे ब्रज की इस बार की जन्माष्टमी की चकाचैंध सजावट को देखकर आश्चर्यचकित हैं। उधर ब्रज के मंदिरों के पास तीर्थयात्रियों के मुख  से निकलती “ जशोदा जायो लालना मै वेदन में सुनि आई” जैसे लोक गीतों की प्रतिध्वनि ने कान्हा की नगरी को वात्सल्य स्वरूप दे दिया है।

     श्रीकृष्ण जन्मस्थान में शनिवार को आयोजित जन्माष्टमी समारोह में बोलते हुए उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि भगवत कृपा और संतो के आशीर्वाद से प्रदेश में वर्तमान सरकार बनी है तथा यदि यह सरकार न बनती तो जन्माष्टमी का ऐसा भव्य आयोजन मथुरा में न होता। इस सरकार द्वारा प्रयागराज में आयोजित किये गए महाकुंभ, अयोध्या की दीपावली और बरसाना की होली की सफलता को देखकर समूचा विश्व आश्चर्यचकित है। उन्होंने संतों से कहा कि वे अपना आशीर्वाद इसी प्रकार बनाए रखें जिससे यह सरकार सनातन धर्म के संरक्षण के लिए इसी प्रकार के कार्य करती रहे। प्रदेशवासी भाग्यशाली है कि इसी प्रदेश में भगवान, राम, भगवान कृष्ण और बाबा भोलेनाथ के तीर्थस्थल हैं।

     कार्षि गुरूशरणानन्द महराज ने माैजूद तीर्थयात्रियों को बधाई दी कि वह उस अजन्मा के जन्म को आज उस भूमि पर मना रहे हैं जहां पर उसने अवतार लिया था। उन्होंने कहा कि गीता में दिये गए उनके उपदेशों पर चलना ही सच्चे रूप में जन्माष्टमी मनाना है।

संत ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण को अंतःकरण में बसाने के लिए उनके उपदेशों पर चलना जरूरी है। इससे इन्द्रियों का भटकाव नही होगा क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण के स्मरण से ही पापों से मुक्ति मिलती है। जब तक सभी ज्ञानेन्द्रियां कृष्णमय नही होंगी भगवान गोकुल में नही आएंगे। इस अवसर पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास ने भी विचार व्यक्त किये।

        उधर आज सुबह से ही ब्रज के मंदिरों में दर्शन के लिए तीर्थयात्रियों की लम्बी लम्बी लाइने लगी रहीं। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मंदिरों में आज शहनाई वादन से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी समारोह की शुरूआत हुई।

       चूंकि वृन्दावन के राधारमण, राधा दामोदर, गोकुलानन्द एवं शाह जी मंदिर में आज दिन में जन्माष्टमी मनाई गई इसलिए आज दिन में तीर्थयात्रियों का जमघट इन मंदिरों में रहा जहां पर कई मन दूध, दही, घी, बूरा , शहद और महाऔषधियों से आज ठाकुर का अभिषेक हुआ तथा बाद में चरणामृत तीर्थयात्रियों में बांटा गया। वृन्दावन के ही बांकेबिहारी मंदिर में शुक्रवार को जन्माष्टमी मनाई गई थी इसलिए आज के मंगला के दर्शन के लिए मंदिर रात तीन बजे खचाखच भरा हुआ था। द्वारकाधीश मंदिर  भी आज मंगला के दर्शन के समय खचाखच भरा हुआ था।गोवर्धन, नन्दगांव, बरसाना, संकेत, में भी आज जन्माष्टमी पूरी श्रद्धा और भक्ति के माहौल में मनाई गई।

       राजा ठाकुर गोकुल के महंत बच्चू महराज ने बताया कि गोकुल में जन्माष्टमी दधिकांधा के रूप में रविवार को मनाई जाएगी। गोकुल को आज नई नवेली दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है।मथुरा के प्राचीन केशवदेव मंदिर में भी जन्माष्टमी शुक्रवार को ही मनाई गई थी। कुल मिलाकर ब्रज का कण कण कृष्ण भक्ति में रंग गया है।

सं प्रदीप

वार्ता

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