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राधाष्टमी की पूर्व संध्या पर बरसाना में श्रद्धालुओं का रेला

राधाष्टमी की पूर्व संध्या पर बरसाना में श्रद्धालुओं का रेला

मथुरा, 5 सितंबर (वार्ता) राधाष्टमी पर वैसे तो ब्रज का कोना कोना राधामय हो जाता है पर राधारानी की क्रीडास्थली होने के कारण बरसाना में तीर्थयात्रियों का जमघट लग जाता है। राधाष्टमी छह सितंबर को इस बार मनाई जा रही है।

     बरसाना में राधाष्टमी के मौके पर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये हैं। अपर जिलाधिकारी प्रशासन एस के त्रिपाठी ने बताया कि बरसाना में तीर्थयात्रियों की सबसे अधिक संख्या आने के कारण पूरे क्षेत्र को सात जोन और 21 सेक्टर में बांटा गया है। जोन स्तर पर एसडीएम स्तर के अधिकारी को रखा गया है वहीं सेक्टर की जिम्मेदारी राजपत्रित अधिकारी को दी गई है। पुलिस व्यवस्था भी इसी प्रकार की गई है कि बरसाना आनेवाले मार्ग पर पार्किंग की सुविधा दी गई है।

      उधर लाड़ली मंदिर बरसाना के रिसीवर कृष्ण मुरारी गोस्वामी ने बताया कि तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए मंदिर में बैरीकेडिंग की व्यवस्था की गई है और गर्मी से राहत देने के लिए पंखों की तथा सुविधापूर्वक निकास की व्यवस्था की गई है।

      मंदिर के सेवायत गोकलेश गोस्वामी ने बताया कि आज जहां मंदिर में लड्डू लीला हुई वहीं पर शुक्रवार को तड़के  लाड़ली मंदिर में राधारानी की मूल शांति होगी क्योंकि राधा का अवतरण  भाद्र माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को अनुराधा नक्षत्र एवं मूल नक्ष़त्र में हुआ था। इसलिए 27 कुओं के जल, 27 पेड़ों की पत्ती, 27 प्रकार की मेवा, 27 प्रकार  की औषधियों, सेाने चांदी की मूल मूलनी, कांस्य के बने तेल के छाया पात्र के साथ 27 ब्राह्मणों के बीच मूलशांति होगी, वैदिक मंत्रों के मध्य हवन होगा तथा दूध, दही, घी, बूरा,  शहद , पंच मेवा, पंच नौ रत्न, केशर, गुलाबजल एवं महाऔषधियों से श्रीजी का अभिषेक गुरूवार की रात तीन बजे से होगा।

सेवायत ने बताया कि बूढ़ी लीला की शुरूवात हो गई है जो 13 सितम्बर तक चलेगी जिनमें मयूर नृत्य लीला , मान लीला, डोंगी लीला, मटकी फोड़ लीला, चीरहरण लीला जैसी लीलाएं होंगी।

        वृन्दावन में राधाबल्लभ मंदिर और राधा दामोदर मंदिर में तो राधाष्टमी होली की तरह मनाई जाती है। राधा बल्लभ मंदिर में तो गोस्वामी समाज का दधिकाना ऐसा होता है जैसे राधारानी का अवतरण हुआ हो। गोस्वामी समाज एक दूसरे पर हल्दी मिश्रित केशर डालते हैं तो राधाश्यामसुन्दर मंदिर वृन्दावन के सेवायत आचार्य कृष्णगोपालानन्द देव गोस्वामी प्रभुपाद के अनुसार मंदिर में इस दिन राधारानी का 440 किलो दूध, 240 किलो दही,120 किलो बूरा, 60 किलो घी एवं 30 किलो शहद से महाअभिषेक व षोडषोपचार से पूजन होगा। शाम को प्रवचन , भजन संध्या एवं रासलीला का आयोजन भी होगा। इसी प्रकार लाड़ली मंदिर रावल में 125 किलो पंचामृत से 6 सितंबर को अभिषेक होगा।

         श्रीराधा श्रीकृष्ण की आद्या शक्ति हैं जिसे उन्होंने स्वयं स्वीकार करते हुए गिरि गोवर्धन उठाने के संबंध में कहा है

कछु माखन को बल लग्यो, कछु गोपन करी सहाय।

राधा जू की किरपा से,

मैने गिरवर लियो उठाय।

        मथुरा के केशवदेव मंदिर, द्वारकाधीश मंदिर, श्रीकृष्ण जन्मस्थान, रावल , राधारानी मांट आदि में भी राधाष्टमी इतनी धूमधाम से मनाई जाती है कि डार डार अरू पात पात से राधारानी की प्रतिध्वनि सुनाई पड़ती है।

सं प्रदीप

वार्ता     

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