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लोकरुचि


कचौड़ी की दीवानगी कोरोना को दे रही है दावत

मथुरा 11 जुलाई (वार्ता) उत्तर प्रदेश में कान्हा नगरी मथुरा की मशहूर कचौड़ी के दीवाने ब्रजवासी अंजाने में ही कोरोना वायरस के संक्रमण को निमंत्रण दे रहे हैं।

कचौड़ी के एक शौकीन अमित अग्रवाल ने शनिवार को यूनीवार्ता से कहा “ ब्रजवासियों को कचौड़ी इतनी प्रिय हैं कि इसका स्वाद कोरोना वायरस के भय पर भारी पड़ रहा है। मथुरा में कचौड़ियों की शहरी क्षेत्र में ही 250 से अधिक दुकाने हैं। इनमें से अधिकांश दुकाने ऐसी हैं जो साइकिल ढकेल पर गली मोहल्लों में चल रही हैं। प्रशासन ने इनके माध्यम से संक्रमण फैलने को रोकने के प्रयास किये हैं तथा जिन कचौड़ी की स्थाई या चलती फिरती दुकानों में भीड़ मिल रही है। डिप्टी कलेक्टर राजीव उपाध्याय उन दुकानदारों एवं कोरोना वायरस की एडवाइजरी तोड़ने वालों पर जुर्माना भी कर रहे है इसके बावजूद खानेवाले खा रहे है और बेचनेेवाले बेंच रहे हैं।

कचौड़ियों के खाने का क्रम सुबह से 11 बजे या 12 बजे तक चलता है इसलिए प्रशासन इतनी सारी दुकानों को विशेषकर गलियों की दुकानों को चेक नही कर सकता। चैबियापाड़ा, चैबच्चा, गताश्रम टीला, ककोरनघाटी, शीतलाघाटी, कंसखार आदि ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें चारपहिया वाहन भी नही जा सकता ।

शिक्षक नेता रमेशदत्त शर्मा ने बताया कि वास्तव में मथुरा की कचौड़ियों ने कुछ मायनो में मथुरा के मशहूर पेड़ों को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने बताया कि उनके विद्यालय में आए हुए एक परीक्षक तो अपने साथ पेड़े ले जाने की जगह कचौड़ी लेकर गए। ओमा से लेकर मोहन तक, बजवासी से लेकर शंकर तक, सरदार से लेकर मथुरा तहसील के सामने की दुकान तक , घीया मण्डी से लेकर राधिका मिष्ठान्न तक, गली भीखचन्द्र की दुकान, यमुना किनारे व विश्रामघाट तथा द्वारकाधीश मंदिर एवं जन्मस्थान के सामने की कचौड़ी की दुकानों से लेकर सदर तक कचैड़ी की मशहूर दुकानों के अलावा कई चलती फिरती दुकानों ने कचैड़ी बनाने में नाम कमाया है।

गोवर्धन के भगवान सिंह हलवाई की दुकान पर तो एकादशी से पूर्णिमा तक कचौड़ी लेने के लिए बड़े पापड़ बेलने पड़ते हैं । वृन्दावन, बरसाना, नन्दगांव, गोकुल और बल्देव में भी कचौड़ी की दर्जनों नामी गिरामी दुकानें हैं।

कचौड़ी के शौकीन व्यापारी सुनील ने बताया कि दुकानदारों ने अपनी कचैड़ी की बिक्री बढ़ाने के लिए कुछ नये प्रयोग भी किये हैं। यद्यपि अधिकांश ब्रजवासी प्याज और लहसुन का सेवन नही करते लेकिन कुछ नई फसल ऐसी भी है जो इसका अपवाद है। ऐसे ही लोगों के लिए डेम्पियर नगर, धौलीप्याऊ, नये बस स्टैंड आदि स्थानों पर अब प्याज की कचौड़ी भी बनने लगी हैं तो कुुछ दुकानदारों ने गीली और सूखी सब्जी देने के साथ रायता और अचार भी देना शुरू कर दिया है।

नरेश हलवाई ने बताया कि जहां बड़े दुकानदार कोरोना वायरस एडवाइजरी का पालन कर रहे है तथा किसी को भी दुकान के अन्दर या बाहर खाने नही दे रहे हैं वहीं गलियों एवं ढकेल पर कचैड़ी बेंचनेवाले इसका पालन नही कर पा रहे है क्योंकि उन पर ग्राहकों का बहुत अधिक दबाव रहता है।

मथुरा निवासी मुकेश का कहना है कि मरना तो एक दिन है ही फिर तरस तरस कर क्यों मरें तो एक मशहूर चतुर्वेदी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा “ ठाकुर (कृष्ण) के यहां से पासपोर्ट जितने समय के लिए बनकर आया है उसमें एक सेकेन्ड न घटेगा न बढ़ेगा । बहुत परहेज करने के बावजूद भी समय की सीमा नही बढ़ सकती इसलिये कचौड़ी नही छोड़ी जा सकती।”

कोरोना संक्रमण के कारण अधिकांश कारखाने , मंदिर बंद होने के कारण भी अब ज्यादा ध्यान खानपान की ओर चला गया है। केन्द्र सरकार द्वारा मंदिर खोलने की छूट देने के बावजूद अभी तक ब्रज के केवल दो मंदिर ही खुल सकें हैं तथा गोवर्धन , वृन्दावन, गोकुल, बल्देव , महाबन, नन्दगांव, संकेत आदि के मंदिर अभी बन्द हैं ।


राधारमण मंदिर की प्रबंध समित के सचिव पद्मनाभ गोस्वामी ने बताया कि यद्यपि लाकडाउन और कोविद-19 के कारण मंदिरों की आर्थिक स्थिति बहुत अधिक खराब हो गई हैं किंतु श्रद्धालुओं को कोरोनावायरस के संक्रमण से बचाने के लिए ब्रज के मंदिरों को नही खोला जा रहा है।

इसे ठाकुर की कृपा कहें या जिला प्रशासन का प्रयास कि कोरोना वायरस यहां पर उस विकराल रूप में नही आ पाया है जिस रूप में पड़ोस के जिलों में हैं। जहां क्वारन्टाइन केन्द्रो में बेहतर व्यवस्था को सुनिश्चित किया जा रहा है वहीं निजी मेडिकल कालेजों में संक्रमित लोगों की दवा, भोजन, देखभाल की बेहतर व्यवस्था करने के कारण कोरोनावायरस के संक्रमण से ठीक होनेवालों की संख्या भी बढ़ती ही जा रही है।

अब तक 282 संक्रमित स्वस्थ होकर जिस प्रकार अपने घरों का चले गए हैं, शायद इसके कारण भी लोग कोविद-19 के संक्रमण के प्रति लापरवाह होते जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने जहां हर जिले में एक उच्च अधिकारी को भेजा है वहीं जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र एवं उनकी टीम ने इसे चुनौती के रूप में स्वीकार किया है।

जिलाधिकारी की इस दिशा में की गई मार्मिक अपील का भी कुछ असर पड़ा है। उम्मीद की जाती है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने जो तीन दिन का लाकडाउन दुबारा लागू किया है इससे लोग लापरवाही छोड़कर सरकार की एडवाइजरी का पालन करेंगे तथा मथुरा में कोरोनावायरस का संक्रमण और कम हो जाएगा।मंदिरों एवं निजी लोगों द्वारा करोनावायरस संक्रमण को रोकने के लिए की जा रही प्रार्थना भी अपना असर जरूर दिखाएगी ब्रजवासियों को इसमें कोई संदेह नही है।

सं प्रदीप

वार्ता


 

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