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चुनाव खर्च को व्यावहारिक बनाने की मांग उठी राज्यसभा में

नयी दिल्ली 06 दिसंबर (वार्ता) लोकसभा और विधानसभा चुनावों में व्यय की सीमा को व्यावहारिक बनाने की मांग करते हुए शुक्रवार को राज्यसभा में कहा गया कि मतदान बैलेट पेेपर से कराया जाना चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी के राकेश सिन्हा ने गैर सरकारी विधेयक ‘ लोक प्रतिनिधित्व (संशोधन) विधेयक 2019’ की चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि चुनावों की व्यय सीमा हटाने से लोकतंत्र धनी लोगों का बंधक बन जाएगा।
यह विधेयक कांग्रेस के प्रो. एम वी राजीव गौडा ने 26 जुलाई को सदन में पेश किया था। इस विधेयक में लोकसभा और विधानसभा चुनावों में उम्मीदवार के व्यय की सीमा समाप्त करने का प्रस्ताव किया गया है।
श्री सिन्हा ने कहा कि जनतंत्र के लिए मतों की गिनती महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि उसका मकसद समाज के अंतिम सिरे तक शासन के लाभ पहुंचाना है। उन्होेंने कहा कि उचित प्रतिनिधित्व के उम्मीदवारों का चयन महत्वपूर्ण है। उम्मीदवार कौन हो, कैसा हो , यह महत्व रखता है। भाजपा नेता ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय, जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया तथा मीनू मसानी का उल्लेख करते हुए कहा कि लोकतंत्र में मूल्यों की स्थापना की जानी चाहिए। इसके बिना वास्तविक लोकतंत्र नहीं आ सकता।
कांग्रेस के पी एल पुनिया ने चुनावी व्यय की सीमा समाप्त करने का विरोध करते हुए कहा कि यह सीमा व्यावहारिक होनी चाहिए। फिलहाल लोकसभा चुनावों में उम्मीदवार के लिए व्यय की सीमा 70 लाख रुपए अौर विधानसभा के उम्मीदवार के लिए व्यय की सीमा 28 लाख से लेकर 40 लाख रुपए है।
सत्या
जारी वार्ता
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