खेलPosted at: Jun 19 2018 6:27PM पेनल्टी पर वार तकनीक को लेकर छिड़ा विवाद
मॉस्को, 19 जून (वार्ता) रूस में चल रहे फीफा विश्वकप में पहली बार शुरू किये गये वीडियो असिस्टेंट रेफरी(वार) तकनीक को लेकर लगातार सवाल उठाये जा रहे हैं और इंग्लैंड तथा ट्यूनीशिया के बीच खेले गये मुकाबले में ट्यूनीशियाई डिफेंडरों ने बॉक्स में इंग्लैंड के हैरी केन को रोकने के लिये जैसे कुश्ती लड़ डाली लेकिन उन्हें फाउल नहीं दिया गया।
केन ने इस मुकाबले में ट्यूनीशिया के खिलाफ इंग्लैंड की 2-1 की जीत में दो गोल दागे। केन के इन दो गोलों के अलावा मैच में सबसे अधिक चर्चा केन को रोकने के लिये ट्यूनीशिया डिफेंडरों को रोकने का तरीका था जिसपर वार तकनीक के इस्तेमाल की नज़र नहीं पड़ी।
दरअसल पहले हाफ में फिरजानी सासी ने केन को पीछे से दोनों हाथों से कसकर पकड़ कर जमीन पर गिरा दिया था जब केन एक कार्नर पर शॉट लेने का प्रयास करने जा रहे थे। दूसरे हाफ में यासिन मेरिया ने भी केन को पेनल्टी क्षेत्र में इसी तरह पकड़कर गिराया लेकिन रेफरी ने इन दोनों मौकों पर ट्यूनीशिया डिफेंडरों को कोई फाउल नहीं दिया।
हालांकि रेफरी विल्मार रोलदान की इस गलती को बॉक्स क्षेत्र के खिलाड़ियों से खचाखच भरे होने के कारण नज़रअंदाज़ किया जा सकता है लेकिन स्टूडियो में मुकाबले को देख रहे वीडियो असिस्टेंट रेफरी इसे कैसे नज़रअंदाज़ कर सकते हैं।
यूरो 2016 फाइनल के रेफरी मार्क क्लेटेनबर्ग ने कहा“ इस मुकाबले से यह साबित हो गया कि रेफरी और वार टीम अपना काम कुश्लता से नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि रेफरी इस घटना को पूरी तरह नहीं देख पाते क्योंकि कार्नर लिये जाने के समय बाक्स में काफी हलचल हो रही थी लेकिन वार तकनीक इसी स्थिति के लिये बनायी गयी है और वहां बैठे रेफरी लगता है कि स्थिति पर पूरी नज़र नहीं रखे हुये थे। इंग्लैंड को पेनल्टी मिलनी चाहिये थी जो नहीं मिली।”
राज प्रीति
जारी वार्ता