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आईपीएस अपने ज्ञान का उपयोग व्यवहारिक तौर पर अपराध नियंत्रण के लिए करें:नाईक

आईपीएस अपने ज्ञान का उपयोग व्यवहारिक तौर पर अपराध नियंत्रण के लिए करें:नाईक

लखनऊ 12 दिसम्बर (वार्ता) उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारियों से कहा कि अपने-अपने विषय के ज्ञान का उपयोग व्यवहारिक तौर पर अपराध नियंत्रण के लिए करें।

श्री नाईक ने बुधवार को राजभवन में 2015, 16 और 17 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के प्रशिक्षु (आईपीएस) अधिकारियों ने भेंट की। इस अवसर पर राज्यपाल ने प्रशिक्षु अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ‘आपको उत्तर प्रदेश जैसे बड़े प्रदेश, जिससे आबादी की दृष्टि से केवल तीन देश अमेरिका, इण्डोनेशिया और चीन बड़े, के कानून व्यवस्था सम्भालने का दायित्व मिला है।‘ सभी अधिकारी उच्च शिक्षा में अलग-अलग विषयों में पारंगत हैं, अपने-अपने विषय के ज्ञान का उपयोग व्यवहारिक तौर पर अपराध नियंत्रण के लिए करें।

उन्होंने कहा कि पुलिस की ड्यूटी 24 घण्टे की होती है। कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी के कारण पुलिस अधिकारियों पर मानसिक दबाव भी बहुत होता है। उन्होंने कहा कि शरीर के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य भी महत्वपूर्ण है, इसलिये अपनी रूचि के अनुसार व्यायाम, योग,ध्यान आदि भी करते रहें।

श्री नाईक ने अपने तीन बार विधायक रहने, पांच बार सांसद रहने तथा लम्बे समय तक सामाजिक जीवन के आधार पर अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि अपने काम से लोगों में विश्वास बनायें, अपने दायित्व और कर्तव्य पर ध्यान रखते हुए जनता के साथ निरन्तर सम्पर्क में रहें। पुलिस अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को महसूस करते हुये निष्पक्षता, पारदर्शिता एवं समर्पित भाव से कार्य करें। किसी भी मामले पर चिन्तन करने के बाद ही योग्य निर्णय लें। शिकायत लेकर आने वालों से सम्मान से पेश आयें तथा वरिष्ठों और अधीनस्थों के भी अच्छे कार्यों की सराहना करें। उन्होंने कहा कि बेहतर सेवा के लिये जहां भी रहें लोगों को समझने का प्रयास करें।

राज्यपाल ने कहा कि कार्य संस्कृति को बदलने के लिये कुछ नया प्रयोग करने का प्रयास होना चाहिए। दिनभर का काम निपटाने के बाद अपने काम का हिसाब करें तथा अपनी रिपोर्ट स्वयं बनायें। रिपोर्ट बनाने से इसका पता चलता है कि अब तक क्या किया है, आगे उसे और अच्छा कैसे कर सकते हैं। कार्यालय छोड़ने से पूर्व, कल क्या करना है, इसकी तैयारी अवश्य करें। व्यक्तित्व विकास के चार मंत्र बताते हुये उन्होंने कहा कि सदैव मुस्कुराते रहें,दूसरों की सराहना करना सीखें, दूसरों की अवमानना न करें क्योंकि यह गति अवरोधक का कार्य करती हैं, अहंकार से दूर रहें तथा हर काम को अधिक अच्छा करने पर विचार करें। सूरज की तरह जगत वंदनीय होने के लिए निरन्तर आगे बढ़ते रहें। उन्होंने ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ को उद्धृत करते हुए कहा कि सफलता का मर्म निरन्तर आगे बढ़ने में है। सभी प्रशिक्षु अधिकारी फेज-2 के तहत जिले में प्रशिक्षण के लिये जायेंगे।

राज्यपाल ने सभी प्रशिक्षु अधिकारियों को अपने चौथे वर्ष का कार्यवृत्त ‘राजभवन में राम नाईक 2017-18’ की प्रति भेंट की।

त्यागी

वार्ता

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