गुड़गांव, 14 फरवरी (वार्ता) सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) ने संसद में पारित लेबर कोड्स को गुलामी का दस्तावेज करार देते हुए तीन कृषि कानूनों के साथ इन्हें भी रद्द करने की मांग की।
सीटू प्रदेश महासचिव जय भगवान व उपाध्यक्ष सतवीर सिंह ने यहां राजीव चौक पर आयोजित घेराबंदी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने कोरोना महामारी में देश की आत्मनिर्भरता को दांव पर लगा दिया है। उन्होंने कहा कि मजदूरों, किसानों व मेहनतकश आवाम ने आजादी के बाद जो भी कुछ बेहतर हासिल किया है उसे छीनने का काम किया है।
सीटू नेताओं ने कहा कि केंद्रीय बजट में देश में एक समान न्यूनतम वेतन और कुछ नहीं बल्कि मौजूदा मजदूरी को भी कम करना है। उन्होंने सवाल किया आखिर क्यों नहीं सरकार मजदूरों, ठेका व कच्चे कर्मचारियों के लिए 24000 न्यूनतम वेतन घोषित कर रही? मजदूर नेताओं आरोप लगाया कि लेबर कोड्स पारित कर सरकार ने ठेका कर्मचारियों के कानूनों को खत्म किया है, फिक्स्ड टर्म के नाम पर स्थाई रोजगार, लेबर कोर्ट को खत्म किया है और न्याय पाने के बुनियादी अधिकार को छीनने का काम किया है।
बाद में एक मांगपत्र केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत के नाम नायब तहसीलदार को दिया गया।
सं महेश विक्रम
वार्ता