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जौनपुर में शहीद-ए-आज़म भगत सिंह की 114 वीं जयंती पर दी श्रंद्धाजलि

जौनपुर,27 सितम्बर (वार्ता) उत्तर प्रदेश में जौनपुर जिले के सरांवा गांव में स्थित शहीद लाल बहादुर गुप्त स्मारक पर आज हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकंन आर्मी व् लक्ष्मीबाई ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने महान क्रांतिकारी एवं स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी शहीद-ए-आज़म भगत सिंह की 114 वीं जयंती पर उन्हें श्रंद्धाजलि अर्पित की।
इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने शहीद स्मारक मोमबत्ती व अगरबत्ती जला कर उन्हें श्रंद्धाजलि दी । इस मौके पर लक्ष्मीबाई ब्रिगेड की अध्यक्ष मंजीत कौर ने कहा कि महान क्रांतिकारी एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भगत सिंह का जन्म 28 सितम्बर 1907 को पंजाब प्रांत के लायलपुर जिले के बग्गा गाँव निवासी सरदार किशन सिंह के यहां हुआ था। देश की आज़ादी के आन्दोलन में उन्होंने बढ़-चढ़ कर भाग लिया था।
उन्होंने कहा कि भगत सिंह का मानना था कि क्रान्ति का मतलब बम और पिस्तौल की संतुष्टि नहीं है । वे कहते थे कि पिस्तौल और बम इंकलाब नहीं लाते , इंकलाब की तलवार तो विचारों की शान पर तेज होती है । उन्होंने कहा कि अंग्रेजी हुकूमत कि नींव हिला देने वाले भगत सिंह , राजगुरु,और सुखदेव को अंग्रेजों ने 23 मार्च 1931 को लाहौर जेल में फांसी पर लटका दिया था ।
मंजीत कौर ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि अभी तक भगत सिंह को शहीद का दर्जा नही दिया गया । उन्होंने प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि वे भगत सिंह को शहीद का दर्जा प्रदान करें , ताकि लोग उन्हें शहीद-ए-आज़म कह सकें ।
इस अवसर पर धरम सिंह , मैनेजर पांडेय , अनिरुद्ध सिंह , मंजीत कौर ,दिशा सहित अनेक लोग मौजूद रहे ।
सं त्यागी
वार्ता
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