राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Jun 29 2022 12:00AM मध्यप्रदेश में बेटियों की संख्या बढ़ी है - शिवराजइंदौर, 28 जून (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में महिलाओं और बालिकाओं के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता आज फिर दोहराते हुए कहा कि सरकार के प्रयासों से राज्य में बेटियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। श्री चौहान ने नगरीय निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पक्ष में प्रचार के दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए यह जानकारी ताजा आकड़ों के हवाले से दी। उन्होंने बताया कि जब लगभग पंद्रह साल पहले भाजपा की सरकार बनी थी, तब राज्य में प्रति एक हजार बेटों पर 912 बेटियां जन्म लेती थीं। उनकी सरकार ने लाड़ली लक्ष्मी योजना के अलावा बेटियों और बालिकाओं के कल्याण की अनेक योजनाएं बनायीं। श्री चौहान ने कहा कि बालिकाओं को विद्यालयों और महाविद्यालयों से जुड़ीं अनेक योजनाओं का लाभ दिलाया गया। उन्हें साइकल, पाठ्यपुस्तकें आदि मुहैया करायी गयीं। लाड़ली लक्ष्मी योजना तो पूरे देश के सभी राज्यों में किसी न किसी रूप में संचालित हो रही है। इन सबका नतीजा रहा कि पिछले वर्ष तक राज्य में एक हजार बेटों पर 956 बेटियां जन्म ले रही थीं और इस साल यह संख्या बढ़कर 970 तक पहुंच गयी है। मुख्यमंत्री ने बालिकाओं और महिलाओं के प्रति सम्मानजनक व्यवहार करने का सबसे अनुरोध किया और कहा कि अब राज्य में उनके सरकारी आयोजनों में सबसे पहले कन्याओं की पूजा की जाती है। उन्होंने इंदौर के विकास और प्रदेश के विकास से जुड़े अनेक आकड़े भी पेश किए और कहा कि अब यह राज्य और बेहतरी के लिए उड़ान भर चुका है। इसका एक नमूना यह है कि रणजी ट्रॉफी पहली बार मध्यप्रदेश की टीम ने जीती है और उसने 40 से अधिक बार की विजेता मुंबई की टीम को पराजित किया। श्री चौहान ने कहा कि इसी तरह विकास संबंधी आकड़े भी राज्य के विकास की इबारत खुद ब दुख कह रहे हैं। उन्होंने जनसभा में मौजूद लोगों से इंदौर शहर के और बेहतर विकास के लिए भाजपा के महापौर और पार्षद प्रत्याशियों को जिताने का अनुरोध करते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता तो आपस में लड़ने झगड़ने में ही अपना समय जाया कर देंगे। इसके पहले श्री चौहान ने खंडवा और बुरहानपुर जिला मुख्यालयों पर भी नगरीय निकाय चुनाव के मद्देनजर पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार अभियान में हिस्सा लिया और चुनावी सभाओं को संबोधित किया। प्रशांतवार्ता