(जन्मदिवस 21 सितंबर के अवसर पर)
मुंबई 20 सितंबर (वार्ता) हिंदी फिल्म जगत में बैडमैन के नाम से मशहूर गुलशन ग्रोवर को एक ऐसे अभिनेता के रूप में शुमार किया जाता है जिन्होंने अपनी प्रतिभा के जरिये न सिर्फ बॉलीवुड में बल्कि हॉलीवुड में भी अपनी सशक्त पहचान बनायी है।
गुलशन ग्रोवर का जन्म 21 सितंबर 1955 को दिल्ली में एक मध्यम वर्गीय पंजाबी परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली में हासिल की। बाद में उन्होंने दिल्ली के मशहूर श्री राम कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। बचपन के दिनों से उनका यह सपना था कि वह शोहरत की बुंलदियों तक पहुंचे। अपने मुकाम पर पहुंचने के लिये गुलशन ग्रोवर ने निश्चय किया कि बतौर अभिनेता बनकर ही इस सपने को पूरा किया जा सकता है। इस उद्देश्य से उन्होंने अस्सी के दशक के आखिरी वर्षों में मुंबई का रूख किया। मुंबई आने के बाद उनको काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। आश्वासन तो कई देते थे लेकिन फिल्म में काम करने का अवसर उन्हें नहीं मिलता था।
इस दौरान गुलशन ग्रोवर को सुनील दत्त निर्देशित फिल्म “रॉकी” में एक छोटी सी भूमिका निभाने का अवसर मिला। इसे महज संयोग कहा जायेगा कि इसी फिल्म से अभिनेता संजय दत्त ने भी अपने सिने करियर की शुरूआत की थी। फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुयी लेकिन इसके बावजूद भी गुलशन ग्रोवर अपनी कोई ख़ास पहचान नहीं बना सके।
वर्ष 1983 गुलशन ग्रोवर के लिए सिने करियर का अहम वर्ष साबित हुआ। इस वर्ष उनकी सदमा और अवतार जैसी फिल्में प्रदर्शित हुयी। फिल्म अवतार में उन्होंने अभिनेता राजेश खन्ना के लड़के की भूमिका निभाई थी। फिल्म में उनकी यह भूमिका कुछ हद तक ग्रे शेडस लिये हुये थी। इस फिल्म के जरिये गुलशन ग्रोवर कुछ हद तक दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में कामयाब रहे।
वर्ष 1989 में प्रदर्शित फिल्म “राम लखन” गुलशन ग्रोवर के सिने करियर की महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुयी। सुभाष घई के निर्देशन में बनी इस फिल्म में उनको बतौर खलनायक एक छोटी सी भूमिका निभाने का अवसर मिला। किरदार का नाम था “केसरिया विलायती”। इस फिल्म में उनका बोला गया संवाद “बैडमैन” दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ। इसके बाद वह फिल्म इंडस्ट्री में बैडमैन के नाम से मशहूर हो गये ।
फिल्म “राम लखन” की सफलता के बाद गुलशन ग्रोवर को अब बड़े बजट की फिल्मों में बतौर मुख्य खलनायक
काम मिलना शुरू हो गया। इन फिल्मों में मुजरिम, जंगबाज, दूध का कर्ज, इज्जत, सौदागर, मां, शोला और शबनम
जैसी सुपरहिट फिल्में शामिल है। इन फिल्मों की सफलता के बाद वह बतौर खलनायक फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित हो गये।
वर्ष 1993 में प्रदर्शित फिल्म “सर” गुलशन ग्रोवर के सिने करियर की एक और सुपरहिट फिल्म साबित हुयी। महेश भट्ट के निर्देशन में बनी इस फिल्म में उनके किरदार का नाम था “छप्पन टिकली”। इस फिल्म में उनका यह किरदार दर्शकों को काफी पसंद आया। फिल्म में अपनी दमदार भूमिका के लिये उन्हें अपने करियर में पहली बार सर्वश्रेष्ठ खलनायक के फिल्म फेयर पुरस्कार से नामांकित किये गये ।
वर्ष 1997 गुलशन ग्रोवर के सिने करियर का अहम वर्ष साबित हुआ। इस वर्ष उन्हें अंग्रेजी फिल्म “जंगल बुक” की दूसरी कड़ी में काम करने का अवसर मिला जिससे उन्हें अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्ति हुयी। इसी वर्ष उनकी लोकप्रियता को देखते हुये वाशिंगटन की एक कंपनी में उन्हें विज्ञापन करने का प्रस्ताव मिला। यह फिल्म इंडस्ट्री का पहला मौका था जब किसी भारतीय अभिनेता को विदेशी कंपनी द्वारा विज्ञापन में काम करने का अवसर मिला था। इसके बाद गुलशन ग्रोवर को हॉलीवुड फिल्मों में भी काम करने का अवसर प्राप्त हुआ। इन फिल्मों में इस्ट साइड, टेल स्टिंग, मानसून, वीपर, इन द शैडोज ऑफ द कोबरा, वी आर नो मांकस, अमेरिकन डे लाइट, माई बॉलीवुड ब्राइड, बलांइड एंबिशन जैसी कई फिल्में शामिल है। गुलशन ग्रोवर ने अपने तीन दशक के लंबे सिने करियर में लगभग 300 फिल्मों में अभिनय किया है।
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