धर्मशाला,23 मार्च (वार्ता) पुणे , बेंगलुरू और रांची में स्पिन का बोलबाला रहने के बाद अब धर्मशाला के खूबसूरत मैदान में गति का तूफान उठेगा जो भारत और आस्ट्रेलिया के बीच चौथे टेस्ट तथा सीरीज का निर्णायक फैसला करेगा। धर्मशाला की पिच देखकर तेज गेंदबाजों की बांछें खिली हुई हैं और दोनों ही टीमें एक अतिरिक्त तेज गेंदबाज रखने की योजना पर गंभीरता से विचार कर रही हैं। हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ (एचपीसीए) की पिच के लिये कहा जा रहा है कि इसमें गति और उछाल होगी जिससे तेज गेंदबाजों काे ज्यादा मदद मिलेगी। पुणे और बेंगलुरू में पिचों में इतना टर्न था कि इन्हें खराब करार दे दिया गया। हालांकि रांची में ज्यादा टर्न नहीं मिला लेकिन तेज गेंदबाजों को भी कोई बहुत मदद नहीं मिली। मैच पूरे पांच दिन तक चलने के बाद ड्रा समाप्त हो गया। धर्मशाला के लिये माना जा रहा है कि यहां बार्डर-गावस्कर ट्राफी का फैसला होगा। एचपीसीए के पिच क्यूरेटर सुनील चौहान ने हालांकि संकेत दिया है कि उनकी पिच चार क्षेत्रों तेज गेंदबाजी, बल्लेबाजी, स्पिन गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण को मदद करेगी। यहां सवाल यह है कि कोई पिच क्षेत्ररक्षक को कैसे मदद कर सकती है। इसके लिये यही कहा जा रहा है कि गेंद में इतनी उछाल होगी कि वह बल्ले का किनारा लेकर आसानी से स्लिप फील्डरों के हाथों में चली जाए। राज प्रीति जारी वार्ता