नयी दिल्ली, 12 मई (वार्ता) मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा है कि स्कूली शिक्षा में नवाचार को प्रोत्साहन देने के लिए देश के विभिन्न शहरों में कई कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं और इन कार्यशालाओं से जो निष्कर्ष निकलेंगे उनका इस्तेमाल नवाचार को बढ़ावा देने पर किया जायेगा। श्री जावडेकर ने आज यहाँ यूनीवार्ता को एक भेंट में बताया कि वह इस योजना के तहत आयोजित दो दिवसीय चौथी कार्यशाला में भाग लेने कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु जायेंगे। उन्होंने बेंगलुरु रवाना होने से पहले बताया कि नवाचार को बढ़ावा देने के लिए पांच क्षेत्रीय कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं पूर्वी राज्यों के लिए पहली कार्यशाला छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुई थी। दूसरी पूर्वोत्तर राज्यों के लिए गुवाहाटी में हुई थी पश्चिम क्षेत्र के राज्यों के लिए, तीसरी कार्यशाला पुणे में हो चुकी है और अंतिम कार्यशाला जून के पहले सप्ताह में चंडीगढ़ में होगी। उन्होंने कहा कि वह सभी कार्यशालाओं में भाग ले चुके हैं और वह उनसे काफी कुछ सीख चुके हैं। उन्होंने कहा कि इन कार्यशालों में हजारों सक्रिय लोग भाग ले रहे हैं और वे अपने प्रस्तुतिकरण दे रहे हैं। इनमें शिक्षा विशेषज्ञ, राज्यों के शिक्षा अधिकारी, स्कूलों के प्राचार्य और एनजीओ भाग ले रहे हैं। श्री जावडेकर ने शिक्षा में गुणवत्ता की चर्चा करते हुए कहा कि सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता बढ़ाने पर हमने ध्यान केन्द्रित किया है और तेजी से गुणवत्ता बढ़ी है शिक्षकों का काम है कि वे छात्रों को प्रोत्साहित करें और अपनी जिम्मेदारी निभाएं। उन्होंने कहा कि तेलंगाना, राजस्थान, आंध्र प्रदेश आदि में सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में वृद्धि हुई है। निजी स्कूलों के छात्र अब सरकारी स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं इस तरह निजी और सरकारी स्कूलों में प्रतिस्पर्धा शुरू हुई है। यह कहे जाने पर कि स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति पूरी कब होगी तो उन्होंने कहा कि शिक्षकों की अब कमी नहीं है। यह कहे जाने पर कि शिक्षकों को संविदा पर नियुक्त किया जा रहा है तो गुणवत्ता कैसे बढ़ेगी, श्री जावडेकर ने कहा कि अब तो शिक्षकों की तनख्वाह अच्छी हो गयी है लेकिन शिक्षक ही छात्रों को पढ़ाने के लिए गांवों में नहीं जाना चाहते हैं। केवल कुछ राज्यों में संविदा शिक्षक हैं सब जगह नहीं हैं। अरविंद, उप्रेती जितेन्द्र वार्ता