तिरूवनंतपुरम, 29 जून (वार्ता) केरल में त्योहार के दौरान हाथियों पर होने वाली क्रूरता पर बनी वृत्तचित्र ‘गॉड्स इन शैकल्स’ का अमेरिका मेें प्रदर्शन के बाद भारत में पहली बार केरल विधानसभा में आज दिखायी जायेगी। केरल के वन मंत्री द्वारा त्योहारों के दौरान हाथियों और पटाखों के इस्तेमाल की निंदा किये जाने के एक महीने बाद राज्य विधानसभा अध्यक्ष ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए इस वृत्तचित्र के प्रदर्शन की अनुमति दी है। इसका प्रदर्शन विधानसभा परिसर के बैक्वेंट हॉल में किया जाएगा। इस फिल्म के निर्माता और निर्देशक केरल की ही संगीता अय्यर हैं जो पत्रकारिता और फिल्म निर्माण के क्षेत्र में कई पुरस्कार जीत चुकी हैं। इस फिल्म में केरल में त्योहारों के दौरान मंदिरों में हाथियों पर होने वाली क्रूरता को दिखाया गया है। ‘गॉड्स ऑफ शैकल्स’ को संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से प्रतिष्ठित हाथी फिल्म महोत्सव के लिए नामांकित किया गया था और अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में यह सात पुरस्कार जीत चुकी है जिसमें लॉस एंजिलिस सिनेफेस्ट अवार्ड, हॉलीवुड इंटरनेशनल इंडीपेंडेट डॉक्यूमेंट्री फिल्म फेस्टीवल अवार्ड, द इम्पैक्ट डॉक्स- अवार्ड ऑफ मेरिट, वर्ल्ड डॉक्यूमेंट्री अवार्ड्स का गोल्डन अवार्ड शामिल है। बॉस्टन और लॉस एंजिलिस में इस फिल्म की सार्वजनिक प्रदर्शन के बाद भारत में इसे पहली बार प्रदर्शित किया जा रहा है। विधानसभा में इसके प्रदर्शन के बाद इसे थ्रिसूर, कोझीकोड, तिरूवनंतपुरम और कोच्चि में प्रदर्शन किया जायेगा। इसके बाद इसे कैराली थियेटर, थ्रिसूर में दो जुलाई को, कोझीकोड के कैराली थियेटर में तीन जुलाई को और तिरूवनंतपुरम के कलाभवन थियेटर में छह जुलाई को प्रदर्शित किया जाएगा। इस डॉक्यूमेंट्री के निर्माण के दौरान इसके सदस्य एक वर्ष के दौरान कुल चार हाथियों के साथ रहे। पांचवें नर हाथी का नाम सुंदर था जिसे फिल्म में चित्रित किया गया है। फिल्म की निर्माता संगीता अय्यर ने कहा, “भारत की इस विरासत पशु पर किये जा रहे घिनौने कृत्य को ‘गॉड्स इन शैकल्स’ में उजागर किया गया है जो लोगों के हृदय को स्पर्श करेगा और उनका ज्ञान बढ़ायेगा। मुझे आशा और विश्वास है कि इसके बाद लुप्तप्राय एशियाई हाथी को बचाने के लिए साकारात्मक कदम उठाये जायेंगे।” आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2012-14 में 156 हाथियों की मौत हो गयी थी। सिर्फ 2015 में ही 53 से अधिक हाथियों ने बुरी तरह घायल होने के बाद दम तोड़ दिया। वर्ष 2016 में 11 हाथियों और नौ मनुष्यों की मौत हो चुकी है। इस फिल्म के निर्माण में कुल 200 घंटों का समय लगा। इसके लिए केरल के प्रसिद्ध कवि सुगाथा कुमारी, प्रसिद्ध पुजारी अक्कीरामोन कालीदासन भट्टाथीरिप्पाद और 12 प्रसिद्ध हस्तियों के साक्षात्कार लिये गये। सोनू आजाद वार्ता