नई दिल्ली ,12 अक्टूबर (वार्ता) करोड़ो युवाओं के दिलों पर राज करने वाले महान पार्श्व गायक किशोर कुमार इतने उदार एवं मानवीय थे कि उन्होंने विश्व विख्यात फ़िल्म निर्देशक सत्यजीत रे को पाथेर पांचाली के निर्माण के लिए पांच हज़ार रुपये की मदद भी की थी। यह कहना है किशोर कुमार के जीवनीकार कमल धीमान का जिन्होंने उन पर तीन किताबें लिखी है। श्री धीमान इन दिनों किशोर कुमार पर चौथी पुस्तक भी लिख रहे है और 25 नवम्बर को उनकी याद में संगीतों का एक कार्यक्रम भी आयोजित कर रहे हैं। इस पुस्तक में वह किशोर कुमार के संगीतकार गीतकार व्यक्तिव को रेखांकित करेंगे।। श्री धीमान ने यूनीवार्ता को बताया कि किशोर कुमार के बारे में यह प्रचारित है कि वे बड़े कंजूस थे जबकि सच यह है कि वो दरियादिल आदमी थे। जब उन्हें पता चला कि सत्यजीत रे को पाथेर पांचाली फिल्म बनाने में आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा तो उन्होंने उन्हें उस जमाने में फौरन पांच हज़ार रुपये की मदद की थी। श्री धीमान ने बताया कि किशोर दा ने सत्यजीत रे के लिए तीन गाने बंगला में गाये थे लेकिन उसके लिए पैसे भी नही लिए थे ।
श्री धीमान ने बताया कि किशोर कुमार की दरियादिली का एक और किस्सा यह है कि 1964 में बनी फिल्म दाल में काला है कि शूटिंग के दौरान जब आर्थिक संकट के कारण फ़िल्म के निर्माता विपिन गुप्ता ने शूटिंग बंद कर दी तो किशोर कुमार ने फौरन अपने ड्राइवर को भेजकर 20 हज़ार रुपये मंगवाए और उन रुपयों को उन्होंने विपिन गुप्ता को सौंप दिया। किशोर कुमार के खंडवा के बचपन के मित्र बाबू रंग रेज उर्फ फतेह मोहम्मद का हवाला देते हुए श्री धीमान ने बताया कि मुंबई में जब वह पहली बार उनके घर पर मिले तो वे इतने खुश हुए कि जाते समय उन्हें एक ब्रीफ केश दिया और गले लगकर रोने लगे । तब अचानक ब्रीफ केश खुल गया और उसमें रखे करीब चार या पांच लाख रुपए गिर पड़े । बाबू रंगरेज अवाक रह गए और उन्होंने रुपये लेने से मना कर दिया तब किशोर दा ने कहा कि यहां लोग प्रेम मोहब्बत और भावना की कद्र नही करते बल्कि रुपये की इज़्ज़त करते हैं। राजेश खन्ना की फ़िल्म अलग अलग के लिए भी उन्होंने पैसे नही लिए थे इसलिए उन्हें कंजूस कहना बेमानी है। किशोर कुमार जीनियस आदमी थे इसलिए उनका व्यक्तित्व अनोखा था और वे अजीबो गरीब व्यवहार भी करते थे जिसके कारण उनको लेकर तरह तरह के किस्से हैं। वे कभी पेड़ो से बात करते थे तो कभी स्टेज पर गाने के दौरान नाचते भी थे। उन्होंने बताया कि अभी तक किशोर कुमार की चर्चा और मूल्यांकन केवल गायक के रूप में ही हुआ हैऔर एक अभिनेता के रूप में उनका मूल्यांकन नही हुआ । उन्होंने 91 फिल्मों में अभिनेता के रूप में काम किया और 12 फिल्में तो अधूरी रहीं इसके अलावा वे चार और फिल्में बनाना चाहते थे लेकिन अभिनेता के रूप में पर वे नही बन सकी। उन्होंने लाइफ इज ए कॉमेडी, लाइफ इज ए ट्रेजेडी नामक एक गीत भी लिखा था जो रिकार्ड नही हुआ। इस तरह उनके बारे मेे अनेक दुर्लभ जानकारियां है जिन्हें पाठकों के सामने लाया जाना जरूरी है।