नयी दिल्ली 18 दिसंबर (वार्ता) देश भर के युवाओं को आकर्षित करने के लिए सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र में उद्यमशीलता, रोजगार अौर आजीविका अर्जन के वैकल्पिक तरीकों को बढ़ावा देने के प्रयासों के अंतर्गत बाहरी युवाओं को ‘स्टार्टअप’ के लिए विशेष वित्तीय मदद देगी। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जितेंद्र सिंह ने यहां ‘पूर्वोत्तर सांसद मंच’ की एक बैठक में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूरे देश में स्टार्टअप स्थापित करने के लिए तीन साल का ‘कर अवकाश ’ दिया जाता है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में उनका मंत्रालय स्टार्टअप को वित्तीय मदद भी दी जाएगी। यह मदद उन युवाओं के लिए भी हाेगी जो पूर्वोत्तर क्षेत्र के निवासी नहीं है लेकिन क्षेत्र में उद्याेग स्थापित करना चाहते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “यह वित्तीय मदद न केवल पूर्वोत्तर के युवाओं के लिए होगी बल्कि देश के युवाओं के लिए भी उपलब्ध होगी जो पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्टार्टअप्स स्थापित करना चाहते हैं। इसके अलावा ऐसे युवाओं को पूर्वोत्तर विकास वित्त निगम सस्ती दरों पर ऋण देगा।” बैठक में पूर्वोत्तर क्षेत्र के आठों राज्यों के सांसद और विभिन्न उद्योग संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इनमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू, रेलवे राज्य मंत्री राजेन गोहैन,सांसद के़ कालिता, विनसेंट एच. पाला और पीडी राय शामिल थे। उन्होेंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में जैविक कृषि और विनिर्माण क्षेत्र की व्यापक संभावनाएं हैं। बैठक में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पूर्वोत्तर औद्योगिक नीति की समीक्षा की जा रही है। सत्या. टंडन वार्ता