खेल » अन्य स्पर्धाएंPosted at: Jul 22 2017 6:47PM लार्ड्स में कपिल का इतिहास दोहराने उतरेंगी भारतीय महिलाएं
लंदन, 22 जुलाई (वार्ता) वर्ष 1983 में कपिल देव की कप्तानी में जिस तरह पुरूष टीम ने आईसीसी विश्वकप खिताब जीत इतिहास रचा था उसे लार्ड्स के इसी मैदान पर दोहराने से अब देश की महिला क्रिकेट टीम बस एक कदम की दूरी पर है। मिताली राज की कप्तानी वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने मात्र दूसरी ही बार आईसीसी विश्वकप के फाइनल में प्रवेश किया है जहां उसके सामने रविवार को तीन बार की चैंपियन इंग्लैंड की चुनौती होगी। भारत ने वर्ष 2005 में पहली बार विश्वकप फाइनल में जगह बनाई थी जहां वह आस्ट्रेलिया से हारकर उपविजेता रही थी। महिला टीम का यह टूर्नामेंट में सबसे अच्छा प्रदर्शन था लेकिन इस बार उससे एक कदम आगे बढ़कर पहली बार खिताब हासिल कर भारतीय महिला क्रिकेट इतिहास के स्वर्णिम युग की शुरूआत करने की अपेक्षा है। पुरूष टीम के लिये कपिल 1983 में लार्ड्स के इसी मैदान पर पहले विश्वविजेता कप्तान बने तो अब मिताली पर भी क्रिकेट के ‘मक्का’ लार्ड्स मैदान पर पहली बार महिला टीम इंडिया को विश्व विजेता बनाने की जिम्मेदारी है। भारतीय महिला टीम ने न सिर्फ पिछले कुछ वर्षाें में अपने प्रदर्शन से अपने अलग रास्ते बनाये हैं बल्कि मौजूदा टूर्नामेंट में भी वह शुरूआत से लाजवाब प्रदर्शन की बदौलत शीर्ष टीमों में शुमार रही। भारत ने यहां अपनी शुरूआत ही इंग्लैंड के खिलाफ 35 रन की जीत से शुरू की थी और अब उसे विश्वकप का समापन भी मेजबान इंग्लैंड पर जीत से करना होगा। प्रीति जारी वार्ता