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दुनिया


तुर्की में सामाजिक कार्यकर्ता कवाला की रिहाई के आह्वान पर 10 विदेशी राजदूत तलब

अंकारा, 19 अक्टूबर (वार्ता/शिन्हुआ) तुर्की के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को जेल में बंद सामाजिक कार्यकर्ता एवं व्यवसायी उस्मान कवाला की रिहाई के लिए एक संयुक्त बयान जारी करने पर अमेरिका सहित 10 देशों के राजदूतों को तलब किया।
मंत्रालय ने कहा कि न्यायपालिका में चल रहे मामले के बारे में संयुक्त बयान ‘राजनयिक प्रथाओं के विपरीत और अस्वीकार्य’ है।
विदेश मंत्रालय के एक लिखित बयान के अनुसार, मंत्रालय के अधिकारियों ने राजदूतों को बताया कि उनका कदम ‘कानूनी प्रक्रियाओं का राजनीतिकरण करने का प्रयास करता है, तुर्की की न्यायपालिका पर दबाव डालता है और न्यायपालिका की स्वतंत्रता का उल्लंघन’ करता है।
तुर्की के अधिकारियों ने राजदूतों से कहा कि उनके पास ‘निष्ठाहीन और दोयम दर्जे का दृष्टिकोण’ है, क्योंकि वे केवल तुर्की से संबंधित मामलों पर ध्यान केंद्रित करते हैं और विशेष रूप से कवला मामले को लगातार एजेंडे पर रखने की कोशिश कर रहे हैं जबकि कुछ अन्य देश यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय के निर्णयों को लागू नहीं करते हैं।
राजदूतों ने सोमवार को एक संयुक्त बयान में कहा, “कवाला के खिलाफ विभिन्न मामलों का विलय करना और पिछले मामले में बरी होने के बाद नये मामले दर्ज किये जाने जैसे कारणों से मुकदमे में निरंतर देरी ने लोकतंत्र के सम्मान, कानून के शासन और तुर्की की न्यायपालिका प्रणाली में पारदर्शिता पर सवाल खड़ा कर दिया है।”
उन्होंने कहा, “कनाडा, फ्रांस, फिनलैंड, डेनमार्क, जर्मनी, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, स्वीडन और अमेरिका के दूतावासों का एक साथ मानना ​​​​है कि उनके मामले का एक न्यायसंगत और त्वरित समाधान तुर्की के अंतरराष्ट्रीय दायित्वों और घरेलू कानून के अनुरूप होना चाहिए। मामले पर यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय के फैसलों को ध्यान में रखते हुए, हम तुर्की से उनकी तत्काल रिहाई का आह्वान करते हैं।”
गौरतलब है कि कवाला को 2013 में उनके खिलाफ दर्ज राष्ट्रव्यापी गीजी विरोध से संबंधित आरोपों से 2020 में बरी कर दिया गया था। बाद में हालांकि इस फैसले को पलट दिया गया था और 2016 में तख्तापलट के प्रयास के साथ जासूसी के आरोपों को जोड़ कर जांच शुरू कर दी थी।
यामिनी
वार्ता/शिन्हुआ
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