StatesPosted at: Oct 23 2017 1:07PM दण्ड प्रक्रिया संहिता में संशोधन का जोरदार विरोध
जयपुर 23 अक्टूबर (वार्ता)राजस्थान विधानसभा में आज दण्ड प्रक्रिया संहिता में संशोधन विधेयक पेश करने पर सत्ता पक्ष एवं प्रतिपक्ष के बीच तीखी तकरार तथा विपक्ष के बहिगर्मन के बाद शोकाभिव्यक्ति के साथ सदन की कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक स्थिगित कर दी गयी। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही अध्यक्ष कैलाश मेघवाल आसन पर आये तथा सचिव को सूचनाएं पढ़ने के निर्देश दिये। तब कांग्रेस के रमेश मीणा ने दण्ड प्रक्रिया संहिता में संशोधन विधेयक को काला कानून बताते हुए आरोप लगाया कि यह आनन-फानन में लाया जा रहा है तथा इससे साबित होता है कि सरकार पारदर्शिता नहीं चाहती। इस बीच अध्यक्ष ने गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया तथा अन्य मंत्रियों को विधेयक पेश करने के निर्देश दिए। शोरगुल में ही श्री कटारिया ने दण्ड प्रक्रिया संहिता में संशोधन का विधेयक पेश किया जिसका कांग्रेस के सदस्यों के अलावा भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी तथा निर्दलीय माणक चंद सुराणा ने जोरदार विरोध किया। अध्यक्ष ने सदस्यों से कहा कि मुझे कड़ा सोचने के लिए मजबूर न करें। इस पर भी कांग्रेस सदस्य चुप नहीं हुए तथा आसन के सामने आने लगे। प्रतिपक्ष के उपनेता गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि सरकार अध्यादेश लाने की मंशा बताये। उन्होंने कहा कि यह विधेयक मीडिया की आवाज दबाने के लिए लाया जा रहा है। माणक चंद सुराणा ने भी अपनी बात कहनी चाही लेकिन अध्यक्ष ने बाद में समय देने की बात कहकर उन्हें बिठा दिया। भाजपा के घनश्याम तिवाडी ने व्यवस्था का प्रश्न उठाना चाहा लेकिन उसकी अनुमति नहीं दी गयी। शोरगुल के बीच ही श्री कटारिया ने विधेयक को पुरस्थापित किया। कांग्रेस सदस्यों के एतराज पर श्री राठौड़ ने कहा कि पुरस्थापित करने के समय कोई बहस नहीं हो सकती जब इसका अवसर आयेगा तब सदस्य अपनी बात कह सकते है। बाद में अध्यक्ष की अनुमति मिलने पर निर्दलीय माणक चंद सुराणा ने विधेयक पर एतराज उठाते हुए कहा कि इस विधेयक में केन्द्रीय कानून में भी संशोधन प्रस्तावित है जिसके लिए राष्ट्रपति से अनुमति जरूरी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति से अनुमति मिले बिना इस विधेयक को लाया गया तो इसका जबरदस्त विरोध किया जायेगा। श्री सुराणा ने कहा कि आपातकाल के लिए कांग्रेस को दोषी मानते है लेकिन इस विधेयक से अघोषित आपातकाल लग जायेगा। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को किसी संरक्षण की जरूरत नहीं है तथा किसी ने भ्रष्टाचार किया तो कानून को काम करने देना चाहिए। पारीक रमेश जारी वार्ता