पटना, 28 मई (वार्ता) बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति लालजी टंडन ने आज कहा कि राज्य के विश्वविद्यालय एवं उसके प्रशासन को छात्र-हितों को सर्वोपरि मानते हुए उनके कार्यों को प्राथमिकतापूर्वक निष्पादित करना होगा।
राज्यपाल श्री टंडन के निदेशानुसार राज्य के विश्वविद्यालयों के अन्तर्गत विद्यार्थियों, शिक्षकों, शिक्षकेत्तर कर्मियों या किसी आमजन की विश्वविद्यालय से संबंधित विभिन्न समस्याओं एवं उनसे जुड़े मामलों के निष्पादन के लिए प्रथम ‘जन-विमर्श’ कार्यक्रम का यहां आयोजन किया गया। कुलाधिपति ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय-प्रशासन को छात्र-हितों को सर्वोपरि मानते हुए उनके कार्यों को प्राथमिकतापूर्वक निष्पादित करना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि छात्रों की पढ़ाई, उनके परीक्षाफल के प्रकाशन और नियमित तौर पर डिग्री-वितरण में जो भी विश्वविद्यालय-प्रशासन के अधिकारी लापरवाही बरतेंगे, उनके विरूद्ध सख्त अनुशासनिक कार्रवाई होगी।
श्री टंडन ने कहा कि छात्रों से प्राप्त शिकायतों पर या तो विश्वविद्यालयीय अधिकारी स्वयं नियमानुरूप आवश्यक त्वरित कार्रवाई करें, नहीं तो स्वयं राजभवन की कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें। उन्होंने साफ किया कि मामलों को लटकाये रखने से पारदर्शिता बाधित होती है और लोगों के मन में कई तरह की आशंकाएँ पैदा होती हैं। इसलिए, किसी भी मामले के निष्पादन में अनावश्यक विलम्ब नहीं होना चाहिए। उन्होंने प्रत्येक महीने में एक दिन ‘जन-विमर्श’ का विशेष कार्यक्रम आयोजित करने का निदेश दिया , जिसमें तीन विश्वविद्यालय के 15-15 मामलों पर सुनवाई करते हुए उनके तत्काल निष्पादन के प्रयास किए जायेंगे।
सतीश
वार्ता