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छात्र नेता से भाजपा के रणनीतिकार तक रहा अनंत का सफर

छात्र नेता से भाजपा के रणनीतिकार तक रहा अनंत का सफर

बेंगलुरु,12 नवंबर (वार्ता) केन्द्रीय रसायन, उवर्रक एवं संसदीय कार्य मंत्री एच एन अनंत कुमार राष्ट्रीय राजनीति में तेजी से उत्थान के लिए लंबे समय तक याद किये जायेंगे जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से उनका गहरा जुड़ाव और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उनकी अपार सेवा का महती योगदान रहा है।

श्री कुमार 1996 से कर्नाटक से छह बार लोकसभा सदस्य रहे। पार्टी के प्रति निष्ठा और कठोर परिश्रम की वजह से उनकी प्रसिद्धि तेजी से बढ़ी। आपातकाल के दौरान वह पार्टी के बड़े नेता लाल कृष्ण आडवाणी और अन्य नेताओं के साथ जेल में रहे। शुरुआती दौर में एक उदीयमान राजनेता श्री कुमार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के मंच ने राष्ट्रीय नेता के रूप में स्थापित करने में बहुत मदद की।

मध्यम वर्गीय हुब्बाली परिवार में श्री एच एन नारायण शास्त्री और श्रीमती गिरिजा शास्त्री के घर में 22 जुलाई 1959 को जन्मे श्री कुमार ने कर्नाटक विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री ली।

श्री कुमार का सोमवार को बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह कैंसर से पीड़ित थे। उन्हें उपचार के लिए अमेरिका भी ले जाया गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। उनकी बीमारी का काफी देर से पता चला।

यह श्री कुमार की प्रतिभा का ही कमाल था कि वह एबीवीपी नेता से सार्वजनिक जीवन की शुरुआत करके भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार तक बने।वह कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष भी रहे। भाजपा के कई केन्द्रीय नेताओं के आंखों के तारे रहे श्री कुमार जब अटल बिहारी वाजपेयी मंत्रिमंडल में शामिल किये गये तो वह सबसे कम उम्र के मंत्री थे। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

दक्षिण भारत के कर्नाटक में बनने वाली पहली भाजपा सरकार के गठन के समय पार्टी के वरिष्ठ नेता बी एस येद्दियुरप्पा के साथ उनके रिश्ते कुछ नरम-गरम हुए लेकिन श्री येद्दियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद संभाल लेने के बाद दोनों नेताओं के मतभेद खत्म हो गये। इसके बाद बनी कांग्रेस सरकार की खामियों को उजागर करने में पार्टी के दोनों कद्दावर नेता जुट गये। इसके परिणामस्वरूप राज्य में भाजपा का जनाधार काफी बढ़ा।

श्री कुमार के सामाजिक और अपने मंत्रालयों के कार्यों के प्रति किये गये कार्य, कठिन परिश्रम और नयी पहलों की अन्य लोगों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कई मौकों पर सराहना की। उनके स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये गये महत्वपूर्ण कार्य खासकर महंगे माने जाने वाले उपचार को आम लोगों की पहुंच तक पहुंचाने का उनका अभियान सराहनीय रहा है। हृदय की धमनियों में डाले जाने वाले स्टेंट की कीमतें कम करवाने में श्री कुमार का काफी योगदान रहा है।

श्री कुमार की पहल पर शुरू किया गया ‘अदम्य चेतना’ कार्यक्रम के जरिए देश के विभिन्न राज्यों के करीब 20 लाख छात्रों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने सामाजिक और पर्यावरण से जुड़े कई कार्य किये जिनमें कर्नाटक एवं अन्य जगहों पर लाखों पौधे रोपे जाने जैसे उल्लेखनीय कदम हैं।

कर्नाटक के हिताें के लिए सदैव सक्रिय रहे श्री कुमार ने अंतर-राज्य कृष्णा और कावेरी नदी विवाद के निपटारे के लिए कठिन परिश्रम किया।

छात्र जीवन में वह एबीपीवी की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष चुने गये और 1985 में इसके राष्ट्रीय सचिव बनाये गये। कई वर्षों तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाने के बाद वह 1996 में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव बनाये गये। वह 1996 में 11 वीं लोकसभा के चुने गये और अटल बिहारी वाजपेयी मंत्रिमंडल में शामिल किये गये। श्री कुमार उस सरकार में सबसे युवा मंत्री थे।

श्री कुमार ने अपने तीन दशक के राजनीतिक जीवन में अनेक जिम्मेदारियों का निर्वहन किया। उन्होंने नागरिक उड्डयन, पर्यटन, शहरी विकास, गरीबी उन्मूलन, खेल एवं युवा तथा सांस्कृतिक मामलों के मंत्रालयों का प्रभार संभाला।

श्रवण आशा

वार्ता

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