पटना, 15 फरवरी (वार्ता) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के तकनीकी संस्थानों अध्ययनरत छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने को सरकार की प्राथमिकता बताया और कहा कि ऐसे संस्थानों को उच्च तकनीकी संस्थानों से संबंद्ध करने की कोशिश की जा रही है ताकि उनकी गुणवत्ता और बढ़ायी जा सके।
श्री कुमार ने सोमवार को यहां विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि तकनीकी संस्थानों में अध्यापन के लिये क्वालिफाइड फैकल्टी की व्यवस्था करने की जरूरत है ताकि छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मिले। राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेजों को प्रदेश में मौजूद भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई0आई0टी0), रार्ष्टीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एन0आई0टी0),भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आई0आई0आई0टी0) तथा राज्य के बाहर के भी उच्च तकनीकी संस्थानों से संबंद्ध करें ताकि उनकी गुणवत्ता और बढ़ायी जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के जिन जिलों में तकनीकी संस्थानों का निर्माण अभी पूर्ण नहीं हुआ है, वहां तेजी से कार्य पूर्ण करें। तकनीकी संस्थानों के भवनों के निर्माण के साथ-साथ उनके मेंटेनेंस की भी समुचित व्यवस्था करें।
इससे पूर्व विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने अपने प्रस्तुतीकरण में विभाग के विजन-मिशन एवं मुख्य योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने विभाग की संरचना, सात निश्चय पार्ट-1 के तहत युवा सबमिशन, उद्योग एवं व्यवसाय सबमिशन, राज्य के सभी 38 जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज एवं पॉलिटेक्निक संस्थानों, सात निश्चय पार्ट-2 के अंतर्गत सेंटर ऑफ एक्सिलेंस स्थापित करने के साथ-साथ विभाग के अन्य प्रमुख प्रोजेक्ट्स के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
बैठक में विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह, मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार समेत अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।
सतीश
जारी वार्ता