राज्य » अन्य राज्यPosted at: Nov 8 2022 8:36PM दूसरे चरण के सेमी क्रायो इंजन का हुआ सफल परीक्षण
चेन्नई 08 नवंबर (वार्ता) भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस ने मंगलवार को दूसरे चरण के सेमी क्रायो इंजन--अग्निलेट के एक संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने आज कहा कि यह परीक्षण तिरुवनंतपुरम स्थित प्रक्षेपण वाहनों के विकास के लिए इसरो के प्रमुख केंद्र विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) में आयोजित किया गया था।
इसरो ने कहा कि इसने एक भारतीय अंतरिक्ष स्टार्ट-अप द्वारा विकसित रॉकेट इंजन के गर्म परीक्षण की सुविधा प्रदान की। इसरो ने कहा,“वीएसएससी ने सफलतापूर्वक मेसर्स अग्निकुल कॉसमॉस प्राइवेट लिमिटेड के लिए एग्निलेट इंजन का 15वां हॉट टेस्ट तिरुवनंतपुरम स्थित थुम्बा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन में आयोजित किया।”
यह परीक्षण इसरो और मैसर्स अग्निकुल कॉसमॉस प्राइवेट लिमिटेड के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के हिस्से के रूप में किया गया था। यह समझौता भारतीय अंतरिक्ष स्टार्ट-अप इन-स्पेस के माध्यम से इसरो की सुविधाओं का उपयोग करने के लिए अवसर प्रदान करेगा।
कंपनी द्वारा विकसित अग्निलेट ‘सिंगल पीस’ 3डी प्रिंटेड रॉकेट इंजन है जिसे पूरी तरह से देश में डिजाइन और विनिर्मित किया गया है। कंपनी ने एक बयान में दावा किया कि वह अग्निकुल कॉस्मॉस रॉकेट इंजन डिजाइन करने वाली पहली कंपनी बन गई है जिसे 3डी प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग करके हार्डवेयर के एक टुकड़े के रूप में मुद्रित किया जा सकता है।
अग्निलेट इंजन एक पुनर्योजी रूप से ठंडा 1.4 केएन सेमी-क्रायोजेनिक इंजन है जो प्रणोदक के रूप में लिक्विड ऑक्सीजन और विमानन टर्बाइन ईंधन (एटीएफ) का उपयोग करके 10.8 बार (ए) के चैम्बर दबाव पर काम करता है।
अग्निकुल ने कहा कि वह अपने रॉकेट अग्निबाण का पहला परीक्षण एक डमी पेलोड के साथ इस साल के अंत से पहले करने की योजना बना रहा है। अग्निबाण 100 किलो पेलोड क्षमता वाला दो चरणों वाला रॉकेट है जो लगभग 700 किमी ऊँचे (निम्न पृथ्वी की कक्षाएँ) परिक्रमा करता है।
संजय अशोक
वार्ता