शिमला, 28 मई (वार्ता) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने प्रदेश सरकार द्वारा लागू की जा रही पानी, बिजली, सफाई आदि मूलभूत सेवाओं की दरों में वृद्धि कर जनता पर आर्थिक बोझ डालने वाली नीतियों की कड़ी निंदा करती है। कम्युनिस्ट पार्टी ने सरकार से मांग की है कि जनहित को ध्यान में रखते हुए इन नीतियों को लागू करने के निर्णय को तुरन्त वापिस ले।
सरकार द्वारा लागू की जा रही इन नव उदारवादी आर्थिक नीतियों से पहले से ही महंगाई व बेरोजगारी से जूझ रही गरीब व आम जनता पर और अधिक आर्थिक बोझ बढ़ेगा। पानी, बिजली, सफाई आदि मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित कर इनका आजीविका का संकट खड़ा किया जा रहा है। पार्टी का कहना है कि वर्तमान कांग्रेस सरकार भी पूर्व की बीजेपी सरकार की आर्थिक नीतियों का अनुसरण करने का कार्य कर रही है। कांग्रेस सरकार को बने अभी छह माह होने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस दौरान सरकार द्वारा पानी व बिजली की दरों, कूड़ा उठाने की फीस में भारी वृद्धि की गई है। शिमला शहर में बढ़ी हुई दरों से 4-5 महीने के बाद पानी के भारी भरकम बिल दिए गए हैं। इसके साथ ही कूड़ा उठाने की फीस की घरेलू दरें भी बढ़ा कर 118 रुपए प्रति माह कर दी है। इसी के साथ सरकार ने अब प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाने का निर्णय भी लिया है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में सरकार द्वारा शिमला शहर में पर्यटन निगम द्वारा संचालित लिफ्ट के किराए में भी भारी वृद्धि की गई है। इसका किराए को दोगुना कर दिया गया है। वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली छूट भी समाप्त कर दी गई है। इस लिफ्ट का इस्तेमाल न केवल पर्यटक करते हैं, बल्कि शहर की जनता भी इसका इस्तेमाल करती है। विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिक भारी संख्या में इसका इस्तेमाल करते हैं। शहर में यही लिफ्ट एकमात्र परिवहन का साधन है जो कार्ट रोड को माल रोड से जोड़ता है।
माकपा नेता ने कहा कि कांग्रेस सरकार बात तो व्यवस्था परिवर्तन की कर रही है, लेकिन यह भी पूर्व भारतीय जनता पार्टी सरकार की आर्थिक नीतियों को ही लागू कर रही है जोकि जनता द्वारा चुनाव में भाजपा की जनविरोधी नीतियों के विरुद्ध दिए गए जनादेश के विरूद्ध है। उन्होंने सरकार से मांग कि है कि तुरन्त पानी, बिजली, कूड़ा उठाने की फीस, प्रॉपर्टी टैक्स, लिफ्ट किराए में की गई वृद्धि को तुरन्त वापिस लेकर जनता को राहत प्रदान करे। यदि सरकार तुरन्त आम जनता पर आर्थिक बोझ डालने वाले इन जनविरोधी निर्णयों को वापिस नही लेती तो सीपीएम जनता को लामबंद कर सरकार की इन जनविरोधी नीतियों के विरुद्ध आंदोलन चलाएगी।
सं.संजय
वार्ता