भारतPosted at: Oct 25 2021 8:50PM सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्ता प्रोजेक्ट पर केंद्र सरकार से किया जवाब तलब
नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (वार्ता) उच्चतम न्यायालय ने हजारों करोड़ रुपए की सेंट्रल विस्टा परियोजना पर सवाल उठाने वाली एक याचिका पर सोमवार को केंद्र सरकार को जवाब तलब किया।
न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति सी. टी. रविकुमार की पीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता राजीव सूरी की याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है।
सुनवाई के दौरान सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के समक्ष कहा कि वह सरकार से निर्देश लेकर जवाब दाखिल करेंगे।
शीर्ष अदालत इस याचिका पर अगली सुनवाई शुक्रवार करेगी।
वकील शिखिल सुरी के माध्यम से दायर याचिका में उच्चतम न्यायालय से गुहार लगाई गई है कि वह केंद्र सरकार को आदेश दे कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की 28 अक्टूबर 2020 को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के लिए भूमि उपयोग में बदलाव की अनुमति संबंधी अधिसूचना को रद्द कर दे। याचिका में कहा गया है कि कानून को ताक पर रखकर भूमि उपयोग संबंधी बदलाव किए गए हैं।
याचिकाकर्ता का कहना है कि यह अधिसूचना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत लोगों के जीवन के अधिकार की गारंटी के खिलाफ है। इस अनुच्छेद में लोगों के स्वस्थ जीवन का आनंद लेने का अधिकार दिया गया है।
याचिका में पर्यावरण संबंधी आवश्यक मंजूरी पर सवाल खड़े किए गए हैं। पेड़ों को काटने और जमीन की खुदाई संबंधी गतिविधियों को तत्काल रोकने के निर्देश देने की गुहार अदालत से लगाई गई है।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक लुटियंस क्षेत्र की करीब 3 किलोमीटर के दायरे में संसद भवन और कई मंत्रालयों और सरकारी भवनों का पुनर्निर्माण पर हजारों करोड़ो रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
बीरेंद्र.संजय
वार्ता