नयी दिल्ली, 15 मई (वार्ता) उच्चतम न्यायालय ने कोरोना महामारी के उपचार से जुड़े चिकित्सकों को अस्पतालों के नजदीक रहने के इंतजामात की जानकारी केंद्र सरकार से मांगी है।
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बी आर गवई की खंडपीठ ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से यह भी जानना चाहा कि क्या अस्पतालों के पास ही चिकित्सकों को ये सुविधाएं दी जा सकती हैं?
खंडपीठ उदयपुर के एक डॉक्टर की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कोरोना महामारी के इलाज में जुटे डॉक्टरों के लिए अलग आवासीय सुविधा की मांग की गई है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि डॉक्टरों को अलग सुविधाओं और सुरक्षा कि आवश्यकता है, अन्यथा कोरोना वरियर्स दुर्दशा के शिकार हो सकते हैं।
केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ता को पूरे देश के बारे में जानकारी नहीं है। गत सात अप्रैल तक राज्य सरकारों को चिकित्सकों के लिए अलग से ठहराने की व्यवस्था करने का आदेश दिया है और केंद्र सरकार इसके प्रति गम्भीर है। यदि कहीं कोई समस्या है तो उसे सरकार के ध्यान में लाया जा सकता है।
श्री मेहता ने कहा कि चिकित्सकों के लिए पांच सितारा होटलों में व्यवस्था की गयी है। इस पर न्यायालय ने उनसे पूछा कि क्या सरकार उन कोरोना वारियर्स के लिए अस्पताल के निकट ही कोई व्यवस्था नहीं कर सकती है? इस पर श्री मेहता ने कहा कि यह एक उचित सुझाव है। सरकार इस पर विचार करेगी।
श्री रोहतगी ने दलील दी कि राजधानी दिल्ली में 10 अस्पताल हैं जहां डॉक्टर कोविड 19 के प्रसार पर विराम को लेकर संघर्षरत हैं और यह जानकारी प्राप्त करने की आवश्यकता है कि उन चिकित्सकों के लिए कितने होटलों की आवश्यकता है।
श्री मेहता ने न्यायालय की ओर से पूछे गये प्रश्नों के जवाब के लिए एक सप्ताह का समय मांगा, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया।
सुरेश
वार्ता