तिरुवनंतपुरम, 06 फरवरी (वार्ता) उच्चतम न्यायालय सबरीमला में अयप्पा मंदिर में एक खास उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर समीक्षा याचिकाओं की सुनवाई बुधवार को करेगा। सुनवाई सुबह साढ़े दस बजे शुरू होगी।
मामले की सुनवाई करने वाली इस संवैधानिक पीठ में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और इंदु मल्होत्रा शामिल हैं।
सबरीमला में भगवान अयप्पा के मंदिर में एक उम्र की महिलाओं काे प्रवेश की अनुमति देने वाले शीर्ष न्यायालय के 28 सितंबर के आदेश से संबंधित विभिन्न मामलों पर समीक्षा के लिए लगभग 65 याचिकाएं दायर की गई हैँ।
पिछले वर्ष 28 सितंबर को मामले की सुनवाई शीर्ष न्यायालय की जिस पीठ ने की थी उसमें तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा शामिल थीं।
इससे पहले शीर्ष न्यायालय ने मामले की सुनवाई के लिए 22 जनवरी की तिथि तय की थी लेकिन न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा के चिकित्सा अवकाश पर रहने की वजह से सुनवाई की तिथि आगे बढ़ाकर छह फरवरी कर दी गई थी।
मंदिर में प्रवेश करने में सफल होने वालीं 10 से 50 वर्ष आयु वर्ग में शामिल सुश्री बिंदु और सुश्री कनक दुर्गा ने समीक्षा याचिकाओं की सुनवाई के खिलाफ एक याचिका दायर की है। उनका कहना है कि 28 सितंबर के उच्चतम न्यायालय के आदेश ने मासिक धर्म से गुजरने वाली महिलाओं के गौरव और स्वतंत्रता को बरकरार रखा था।
उच्चतम न्यायालय के आदेश के खिलाफ और मंदिर में हाल में हुये वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान दो महिलाओं के मंदिर में प्रवेश करने के विरोध में केरल में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ है।
प्रियंका जितेन्द्र
वार्ता