नयी दिल्ली/ जकार्ता, 16 अगस्त (वार्ता) राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहलवान सुशील कुमार और बजरंग भारत को इंडोनेशिया एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक दिलाने के उद्देश्य के साथ गुरूवार को जकार्ता रवाना हो गए।
सुशील और बजरंग के साथ कुछ अन्य फ्रीस्टाइल पहलवान भी रवाना हुए हैं। भारत के ग्रीको रोमन और महिला पहलवान पहले ही जकार्ता पहुंच चुके हैं। एशियाई खेलों में कुश्ती के मुकाबले 19 अगस्त से शुरू हो जाएंगे और पहले दिन फ्रीस्टाइल के पांच पदकों का फैसला हो जाएगा।
भारत के पांच फ्रीस्टाइल पहलवान 57, 65, 74, 86 और 97 किग्रा वर्गों में 19 अगस्त को मुकाबलों में उतरेंगे और उसी दिन पदक का फैसला हो जाएगा। इन पहलवानों में सुशील (74) और बजरंग (65) शामिल हैं।
सुशील ने इस साल गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्णिम हैट्रिक पूरी की थी। सुशील विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक, एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण और लगातार दो ओलम्पिक में कांस्य तथा रजत पदक जीत चुके हैं लेकिन उनके पास एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक नहीं है।
हरियाणा के झज्जर जिले के बजरंग ने इस साल गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में 65 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था जबकि चार साल पहले इंचियोन एशियाई खेलों में उन्होंने 61 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीता था। बजरंग ने कहा, “कुश्ती के मुकाबले उद्घाटन समारोह के अगले दिन 19 अगस्त को शुरू हो रहे हैं और मेरी पूरी उम्मीद रहेगी कि मैं सोना जीतूं और इन खेलों में तिरंगा लहराए। सभी देशवासियों का आशीर्वाद और प्यार मेरे साथ है जिससे मुझे यकीन है कि मैं कामयाब रहूंगा।”
इस बीच जकार्ता में ग्रीको रोमन टीम के कोच कुलदीप सिंह ने उम्मीद जताई कि ग्रीको रोमन पहलवान इन खेलों में कुछ पदक जीतेंगे। कुलदीप ने कहा, “ग्रीको रोमन काफी मुश्किल स्पर्धा है और कजाकिस्तान तथा ईरान के पहलवान प्रबल दावेदार के रूप में उतरेंगे। जापान, उज़्बेक, कोरिया और चीनी पहलवानों की भी कड़ी चुनौती रहेगी। लेकिन हमें गुरप्रीत (77), हरप्रीत (87) और नवीन (130) से काफी उम्मीदें रहेंगी।”