भारतPosted at: Oct 26 2020 4:55PM सिस्टम की नाकामी है हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों को वेतन न मिलना: आईएमए
नयी दिल्ली 26 अक्टूबर (वार्ता) कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण के दौरान मरीजों के अनवरत उपचार में जुटे बाड़ा हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों को वेतन न मिलने के कारण गत तीन दिनों से जारी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का समर्थन करते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कहा है कि यह सिस्टम की नाकामी को दर्शाता है।
आईएमए ने आज जारी अपने एक बयान में 23 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों का समर्थन करते हुए कहा कि दिल्ली नगर निगम के अधीन इस अस्पताल में डॉक्टरों काे वेतन न दिया जाना पूरे डॉक्टरी पेशे और देश को गलत संदेश देता है। यह पूरे डॉक्टर समुदाय का मनोबल तोड़ने वाला है। कोरोना महामारी के समय में डॉक्टर्स की सेवायें जब इतनी जरूरी हैं तो निश्चित रूप से हम पर जिस तरीके से शासन किया जा रहा है, उसमें कुछ खामियां जरूर हैं।
आईएमए ने कहा कि किसी देश में कानून का राज न होना ही ‘बनाना रिपब्लिक’ कहलाता है। किसी पद पर व्यक्ति की नियुक्ति और उसके वेतन का निर्धारण तय नियम कायदे के तहत किया जाता है। अगर किसी एक व्यक्ति के साथ कुछ गलत होता है तो उसे असामान्य कहा जा सकता है। लेकिन जब पूरा सिस्टम भी नाकाम हो तो यह बड़ी बीमारी का सबूत है। हिंदू राव अस्पताल में डॉक्टरों का वेतन भुगतान न होना सिस्टम की नाकामी का मामला है।
एसोसिएशन ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान देश की सेवा करने वाले डॉक्टर प्रोत्साहन और प्रशंसा के हकदार हैं। यह किसी भी तर्क से परे है कि उन्हें अपने वैधानिक वेतन के भुगतान के लिए सड़क पर उतरना पड़ा है। यह पूरी तरह संभव है कि अधिकारी ऐसी स्थितियों के प्रति प्रकृतिवश असंवेदनशील हैं। हिंदू राव अस्पताल की घटना कोई अलग नहीं हैं। हम पूरे देश में हो रही ऐसी घटनाओं के गवाह हैं।
आईएमए ने कहा कि सुशासन सेवाओं को सामान्य रूप से संचालित करने से शुरू होता है। स्वास्थ्यकर्मी खासकर डॉक्टर राष्ट्रीय संपदा हैं। डॉक्टरों को वैधानिक वेतन का भुगतान न करके उनका अपमान करना शासन द्वारा प्रायोजित हिंसा है। उच्चतम न्यायालय ने साफ तौर पर निर्देश दिया था कि डॉक्टरों तथा स्वास्थ्यकर्मियों के वेतन का भुगतान समय पर हो। ऐसा लगता है कि उच्चतम न्यायालय का निर्देश भी इन अस्पतालों का संचालन करने वाले अधिकारियों पर लागू नहीं होता है।
आईएमए और मेडिकल पेशे से जुड़े लोगों का मानना है कि अदालत के पास हिंदू राव अस्पताल के प्रशासन के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेकर अदालत की अवमानना की कार्रवाई करने के लिए समुचित वजह है। इस तरह की सख्त कार्रवाई ही संस्थान के प्रति भरोसे को दोबारा बहाल कर सकती है। आईएमए यह मांग करता है कि प्रशासन डॉक्टरों के बकाया वेतन का तत्काल भुगतान करे।
गौरतलब है कि गत जुलाई माह से हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों काे वेतन नहीं दिया गया है। वेतन न मिलने से नाराज डॉक्टर पहले अस्पताल परिसर में ही धरना दे रहे थे लेकिन गत शुक्रवार से वे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं। दिल्ली सरकार ने गत 14 जून को हिंदू राव को कोविड अस्पताल के रूप में घोषित किया था। इसी माह इस अस्पताल को गैर कोविड अस्पताल के रूप में घोषित किया गया है यानी अब वहां कोरोना मरीजों का उपचार नहीं होगा।
अर्चना, रवि
वार्ता