नयी दिल्ली, 13 मई (वार्ता) विदेश एवं संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखा ने ‘विश्व भारती’ को यूनेस्को द्वारा विश्व की धरोहर के रूप मान्यता दिये जाने को गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर को श्रद्धांजलि बताया है।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय कोई प्रसिद्ध इमारत या जगह मात्र नहीं है, बल्कि वह विचार और दर्शन है, जो हम भारतीयों में चरित्र और मूल्यों की स्थापना करता है। वह शुक्रवार को राजधानी में
एसजीटी यूनिवर्सिटी और संरचना फाउंडेशन के सहयोग से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) द्वारा आयोजित रवींद्र जयंती समारोह के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं।
लेखी ने इस अवसर पर आईजीएनसीए द्वारा विकसित ‘विज्ञान वैभव’ पोर्टल का शुभारंभ किया। यह पोर्टल पचहत्तर भारतीय वैज्ञानिकों को समर्पित है।
कार्यक्रम में अतिथि वक्ता एवं विदेश मंत्रालय की पूर्व सचिव रीवा गांगुली दास ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में उपस्थित अन्य गणमान्य अतिथियों में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक गौतम डे, प्रसिद्ध बांग्ला अभिनेता रुद्रनील घोष और प्रोफेसर एसजीटी युनिवर्सिटी के कुलपति ओ पी कालरा, आईजीएनसीए के सदस्य सचिव प्रो (डॉ) सच्चिदानंद जोशी और अकादमिक विभाग के डीन तथा सीआईएल प्रभाग के अध्यक्ष प्रो. प्रतापानंद झा की भी थे।
लेखी ने कहा कि गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर के विचारों और दर्शन ने भारत का मार्गदर्शन किया।
उन्होंने कहा कि टैगोर ने संस्कृति और विज्ञान का संगम प्रदान किया और उन आदर्शों को विश्व भारती विश्वविद्यालय ने आगे बढ़ाया है।
मीनाक्षी लेखी ने कहा कि तक्षशिला की भावना और इसकी शिक्षाओं गुरुदेव की विश्व भारती द्वारा आगे बढ़ाया गया, और इसलिए यह कहा जा सकता है कि ज्ञान की कोई सीमा नहीं है। उन्होंने दावा किया कि भारतीय और भारत वापस वहीं आ रहे हैं, जो हम थे। हमें कड़ी मेहनत करनी होगी और अपने मूल चरित्र की ओर वापस जाना होगा, यही गुरुदेव को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
उन्होंने पोर्टल को लॉन्च करते हुए कहा, “ हम जो कुछ भी करते हैं, वह बिना प्रमाण के नहीं होता, लेकिन औपनिवेशिक शासन ने वैज्ञानिक प्रवृत्ति के साथ काम करने का गर्व हमसे छीन लिया। ”
अभिनेता रुद्रनील घोष ने ‘बंगाली फिल्मों में टैगोर की विरासत’ पर बात की। डॉ सच्चिदानंद जोशी ने स्वागत भाषण में कहा कि टैगोर का दर्शन भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देता है।
मनोहर.श्रवण
वार्ता