नयी दिल्ली, 16 मई (वार्ता) राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने तमिलनाडु के विल्लुपुरम और चेंगलपट्टू जिलों में कथित रूप से जहरीली शराब पीने से 12 मई से कई लोगों की मौत की खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।
खबरों के अनुसार राज्य के तटवर्ती क्षेत्र के इन जिलों में इस कारण से कई मौतें हुई हैं और कई अन्य प्रभावित लोग अस्पताल में भर्ती हैं।
आयोग द्वारा मंगलवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘मीडिया रिपोर्टों की सामग्री, यदि सत्य है, तो यह लोगों के जीवन के अधिकार का उल्लंघन है। जाहिर है, राज्य सरकार अवैध/नकली शराब की बिक्री और खपत पर रोक लगाने में विफल रही है।”
आयोग ने तदनुसार राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, तमिलनाडु को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी की स्थिति, पीड़ितों का चिकित्सा उपचार और पीड़ित परिवारों को दिया गया मुआवजा, यदि कोई हो, शामिल होना चाहिए। आयोग इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार दोषी अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में भी जानना चाहेगा।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अरक के रूप में बेची जाने वाली अवैध शराब, मेथनॉल, रसायन और पानी का एक कॉकटेल होती है और ज्यादातर तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों के मछुआरों द्वारा इसका सेवन किया जाता है।
मनोहर अशोक
वार्ता