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30 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य प्रस्तावित

30 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य प्रस्तावित

जयपुर, 20 फरवरी (वार्ता) राजस्थान में नयी सौरऊर्जा नीति के तहत 30 हजार मेगावाट ऊर्जा के उत्पादन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने का प्रस्ताव है।

राजस्थान के मुख्यमंती अशोक गहलोत ने विधानसभा में आज वर्ष 2020-21 के लिये अनुमानित बजट पेश करते हुए बताया कि इस लक्ष्य काे प्राप्त करने के लिये राज्य में निजी निवेशकों के साथ ही केंद्रीय राजकीय उपक्रमों के जरिए अल्ट्रा मेगा सोलर पार्क विकसित किया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि थर्मल पावर संयंत्र में कोयले की बचत एवं प्रदूषण में कमी करने के लिये इन संयंत्रों से उत्पादित ऊर्जा में सौरऊर्जा मिश्रित करके विद्युत उत्पादन को बढ़ावा दिया जायेगा। इसके लिये राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम द्वारा थर्मल पावर प्लांट के परिसर में में करीब 800 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना प्रस्तावित है।

उन्होंने कहा कि हर जिले के मुख्यालय एवं चिन्हित शहरी क्षेत्रों को ‘ग्रीन एनर्जी सिटी’ के रूप में विकसित किया जाने का प्रस्ताव है। इसके तहत रूफटॉप सोलर सिस्टम को वृहद स्तर पर लागू किया जायेगा। इस क्रम में पांच वर्षों में 300 मेगावाट के रूफटॉप सोलर सिस्टम स्थापित किये जाना प्रस्तावित है। श्री गहलोत ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में छोटी पेयजल योजनाओं के संचालन में सौर ऊर्जा का उपयोग बढ़ाने एवं निर्बाध संचालन के लिये पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 200 पेयजल परियोजनाओं को राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम द्वारा सोलर में तब्दील किये जाने का प्रस्ताव है।

श्री गहलोत ने बताया कि इस वर्ष एक लाख 31 हजार कृषि कनेक्शन जारी किये गये हैं। अगले वर्ष अनुसूचित जाति, जनजाति उपयोजना क्षेत्र के तहत सभी श्रेणी और बूंद बूंद सिंचाई प्रणाली सहित 50 हजार कृषि कनेक्शन जारी किया जाना प्रस्तावित है। इसी तरह किसानों को कड़ाके की ठंड में रात में सिंचाई करने की परेशानी को ध्यान में रखते हुए

चरणबद्ध ढंग से सभी जिलों में दिन में दो खण्डों में कृषि के लिये विद्युत आपूर्ति कराया जाना प्रस्तावित है, इसके लिये विद्युत संयंत्रों का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि इस क्रम में पहले चरण में एक अप्रैल 2021 तक अजमेर, प्रतापगढ़, उदयपुर, भीलवाड़ा, राजसमन्द, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़, पाली, सिरोही, जालोर, जैसलमेर, कोटा, बूंदी, झालावाड़, धौलपुर, और दूसरे चरण में एक अप्रैल 22 तक सीकर, झुंझुनू, जयपुर, जोधपुर, भरतपुर, एवं तीसरे चरण में एक अप्रैल 2023 तक शेष जिलों बाड़मेर, अलवर, दौसा, नागौर, टोंक, करौली, सवाई माधोपुर, बारां, बीकानेर, चुरु, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ के सभी ग्रामीण फीडरों पर दिन में ही विद्युत आपूर्ति करने के लिये तंत्र को सुदृढ़ करने की व्यवस्था करने का प्रस्ताव है। इसके लिये तीन वर्षों में 220 केवी के छह नये जीएसएस, 132 केवी के 30 नये जीएसएस की स्थापना करना और 33 केवी के 287 नये सब स्टेशन स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।

सुनील

वार्ता

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