कोलकाता, 05 अगस्त (वार्ता) बंगलादेश की प्रसिद्ध लेखिका तस्लीमा नसरीन ने वहां की स्थिति के लिये अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को ही ज़िम्मेदार ठहराया है और कहा है वह कट्टरपंथियों पर शिकंजा कसने और अपने सहयोगियों को भ्रष्टाचार से रोकने में विफल हो गयी थीं।
चर्चित लज्जा उपन्यास की लेखिका सुश्री नसरीन ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि बंगलादेश में लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्ष व्यवस्था बनी रहनी चाहिये और उसे पाकिस्तान नहीं बनने देना चाहिये।
उन्होंने कहा, “ हसीना को इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा, वहां की स्थिति के लिये वह ही जिम्मेदार थी, उन्होंने इस्लामवादियों को बढ़ने के लिये प्रेरित किया। ”
सुश्री नसरीन ने अपने लोगों को भ्रष्टाचार में शामिल होने की अनुमति दी। अब बंगलादेश को पाकिस्तान जैसा नहीं बनना चाहिये। सेना को शासन नहीं करना चाहिये। राजनीतिक दलों को लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता लानी चाहिये।
उल्लेखनीय है कि छात्र कार्यकर्ताओं ने देश भर में कर्फ्यू के बावजूद सुश्री हसीना पर इस्तीफा देने का दबाव बनाने के लिये आज ढाका तक रैली निकालने का आह्वान किया था। जैसे ही प्रदर्शनकारियों ने कुछ स्थानों पर आगे बढ़ना शुरू किया, बख्तरबंद कर्मियों के वाहन और सेना राजधानी की सड़कों पर गश्त करने लगी। जात्राबारी और ढाका मेडिकल कॉलेज क्षेत्रों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में कम से कम छह लोगों की मौत होने की रिपोर्ट हैं। प्रदर्शनकारियों के छोटे समूहों को तितर-बितर करने के लिये पुलिस ने शहर के कुछ हिस्सों में ग्रेनेड फेंके। इससे एक दिन पहले देश भर में हुई हिंसक झड़पों में करीब 100 लोग मारे गये थे।
देश में जारी हिंसक प्रदर्शन आज सुबह सुश्री हसीना के आधिकारिक आवास गणभवन तक पहुंच गया, जिससे उनकी जान को खतरा पैदा हो गया। वह प्रदर्शनकारियों के गणभवन पहुंचने से पहले ही देश छोड़कर भारत रवाना हो गयीं।
समीक्षा.श्रवण
वार्ता